मुंबई। अखिल भारतीय रेगर महासभा के महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष श्रवण नवल ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 21 फरवरी को होने वाले 6वें राष्ट्रीय रेगर महासम्मेलन 2018 में रेगर समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। श्रवण नवल ने एक सवाल पूछे जाने पर बताया कि महाराष्ट्र में राजस्थानी रेगर समाज को जब तक अनुसूचित जाति में सम्मिलित नहीं कर लिया जाता तब तक हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे। रेगर समाज महाराष्ट्र में तकरीबन 70 साल से रह रहा है।
रेगर समाज को राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। रेगर समाज महाराष्ट्र में अन्य अनुसूचित जाति हिंदू मोची चर्मकार की तरह ही चमड़े का काम करते हैं। रेगर समाज का पेशा चमड़े की रंगाई करना है इनकी आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति दयनीय है।
रेगर समाज के पिछड़ेपन का एक मुख्य कारण यह भी है कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े है। ऐसे में रेगर समाज को महाराष्ट्र के गजट में अनुसूचित जाति का दर्जा देने की अत्यंत जरूरत है। कुर्ला पूर्व ठक्कर बाप्पा कालोनी, वत्सला ताई नाईक नगर, सेल कालोनी सहित दादर, नवी मुंबई में लाखों की तादाद में रेगर समाज के लोग रहते हैं। श्रवण नवल ने कहा कि हमें ज्यादा संख्या में दिल्ली भाग लेकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना होगा तभी हमें हर क्षेत्रों में मुकाम मिल सकेगा।
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