मुंबई। शहर का पहला तैरता हुआ होटल ‘एबी सेलेस्टियल’ शुक्रवार को बांद्रा-वर्ली समुद्र में डूब गया। हादसे में किसी के जनहानि की खबर नहीं है। हादसे के समय शिप पर कोई गेस्ट मौजूद नहीं था। क्रूज के कैप्टेन इरफान इस्माईल शिरगावकर व अन्य 13 कर्मचारी बोट पर सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही मॅरीटाईम बोर्ड व अग्निशमन दल के कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंच गए थे और उन्होंने सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बचा लिया। मैरिटाइम बोर्ड के सीईओ विक्रम कुमार ने बताया कि इस शिप का लाइसेंस शुक्रवार तक था।
मॉनसून से पहले इस जहाज को एंकर के लिए मझगांव डॉक के भाउचा धक्का ले जाया जा रहा था। लेकिन हाई टाइड की वजह से जहाज का निचला हिस्सा पत्थर से टकरा गया और उसमें छेद हो गया। जिसके बाद जहाज में पानी भरने लगा। ‘एबी सेलेस्टियल’ नामक इस शिप को अमेरिका में तैयार किया गया था, जिस पर करीब 20 करोड़ की लागत आई थी। होटल का निर्माण महाराष्ट्र टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एमटीडीसी) व महाराष्ट्र मैरिटाइम बोर्ड के सहयोग से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। होटल में एक स्काई डेक के साथ 3 टियर लग्जरी डाइनिंग हॉल था।
क्लब लाउन्ज के साथ दो रेस्तरां थे। होटल में 660 गेस्ट एक साथ खाने का मजा ले सकते थे। यहां से 360 डिग्री एंगल से मुंबई के समुद्र लिंक के अलावा शहर के खुबसूरत नजारे को देखा जा सकता था। होटल में गेस्ट की खातिरदारी के लिए करीब 110 कर्मचारियों की टीम तैनात रहती थी। इस होटल के मालिक विक्रांत चांदवड़कर, कुकी सिंह व व संयुक्ता सिंह हैं।
फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की खासियत
- 20 करोड़ की लागत
- 660 लोगों के खाने की व्यवस्था
- 360 डिग्री एंगल से शहर का नजारा
- 110 कर्मचारियों की टीम
- स्काई डेक के साथ 3 टियर लग्जरी डाइनिंग हॉल
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