मुंबई। रविवार शाम को मुंबई की महत्वाकांक्षी परियोजना कोस्टल रोड का भूमिपूजन हुआ। समुद्री की बलखाती लहरों के बीच वैदिक रीति-रिवाज से शुरू हुई इस परियोजना के चार साल में पूरा होने की उम्मीद जताई गई है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सपरिवार पहुंचकर दशकों से चित्रों में बसे इस प्रॉजेक्ट की शुरुआत की। करीब 14 किलोमीटर की यह कोस्टल रोड टोल फ्री होगी। इसके बन जाने के बाद प्रिंसेस स्ट्रीट से वर्ली सी लिंक तक बिना किसी सिग्नल के चंद मिनटों में पहुंचा जा सकेगा और फिर सी लिंक से बांद्रा और वर्सोवा तक का सफर तय हो सकेगा।
मरीन लाइंस से शुरू होकर समुद्र के किनारे कुल आठ लेन की यह रोड गिरगांव चौपाटी के पास तक जाएगी। वहीं से टनल के माध्यम से गाड़ियां अंदर चली जाएंगी। इससे चौपाटी का स्वरूप बरकरार रहेगा। प्रियदर्शिनी पार्क के पास इस टनल से निकलकर गाड़ियां पैडर रोड जैसे व्यस्ततम ट्रैफिक सिग्नल को मुंह दिखाते हुए सीधे वर्ली पहुंचेंगी। विश्व-स्तरीय सलाहकारों की मदद से बनने वाली इस कोस्टल रोड में कई बेहतरीन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। मसलन, टनल के अंदर तेल के टैंकर में भी आग लगने पर उसका धुंआ और आग बुझाने की पूरी व्यवस्था होगी। इसके अलावा, टनल में हर 250 मीटर पर इंटरचेंज होगा, जिससे जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक डायवर्ट करने में भी आसानी होगी।
मुंबई के रास्तों से ट्रैफिक को राहत दिलाने के लिए कोस्टल रोड के लिए आवश्यक सभी सामग्रियों को समुद्र के रास्ते लाकर दो जेटी पर रखा जाएगा। केवल कास्टिंग यार्ड (स्लैब) में तैयार होने वाली सामग्री को सड़कों से लाया जाएगा।
कोस्टल रोड की खास बातें
- पहला चरण होगा प्रिंसेस स्ट्रीट से वर्ली सी लिंक तक
- प्रिंसेस स्ट्रीट, हाजी अली, अमरसंस गार्डन और वर्ली से अंदर-बाहर हो सकेंगे वाहन ऐम्बुलेंस और बसों के लिए होगी अलग लेन।
- 9.98 किलोमीटर की होगी कोस्टल रोड
- 12,721 करोड़ की लागत
- 3.45 किलोमीटर की होगी टनल
- 18 एजेंसियों से से ली गई अनुमति
- 4 लेन आने के लिए और 4 लेन जाने के लिए
- 70 हेक्टेयर का ग्रीन एरिया मिलेगा
- 350 टन ईंधन और 70 प्रतिशत समय की बचत होगी
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