मुंबई। शनिवार 11 बजे मंत्रालय में हाई कोर्ट के निर्देश पर बनी समिति के सामने मनपा, ‘बेस्ट’ प्रशासन और यूनियन नेता की बैठक तय हुई। तब लग रहा था कि पांच दिनों से जारी हड़ताल खत्म हो सकती है, लेकिन यूनियन की मांग, ‘बेस्ट’ प्रशासन की खामोशी और मनपा की शर्तों के आगे मुंबईकरों की परेशानियां बौनी हो गईं। बैठक बेअसर रही। ‘बेस्ट’ वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने कहा, ‘शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल जारी रहेगी।’
सूत्रों के अनुसार, मनपा की ओर से कमिश्नर अजय मेहता ने साफ किया कि वह यूनियन की मांग के अनुसार ‘बेस्ट’ और मनपा बजट के विलय के पक्षधर नहीं हैं। हाई कोर्ट ने ‘बेस्ट’ परिवहन के मसले को सुलझाने के लिए समिति के गठन का निर्देश दिया था। इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव डी.के.जैन, परिवहन सचिव और नगर विकास सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। मीटिंग में हुई चर्चा की रिपोर्ट सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में सौंपा जाएगा। इसी रिपोर्ट में ‘बेस्ट’ हड़ताल का भविष्य तय होगा।
लोगों की परेशानी दूर करने के लिए प्राइवेट ऑपरेटरों ने बसें चलाई। ‘बेस्ट’ प्रशासन से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 67 बसें स्टेट ट्रांसपोर्ट और 263 प्राइवेट ऑपरेटरों को मिलाकर कुल 372 बसें चलाई गईं। इसके अलावा स्कूली बसें भी सेवा में शामिल हुई। सालों से मुंबई की सेवा कर रही ‘बेस्ट’ के लिए अब स्कूली बच्चों ने भी सोशल मीडिया और सड़कों पर इमोशनल संदेश देने शुरू कर दिए।
माना जा रहा है कि सोमवार तक अगर हड़ताल जारी रही तो करीब 25 लाख लोग इससे प्रभावित होंगे। दादर से बस लेने वाले अमर कुलकर्णी का कहना है कि एक हफ्ते से परेशानी है और सरकार को लोगों की मदद के लिए कुछ करना चाहिए। शशांक राव ने बताया है कि मंत्रालय में हुई बातचीत सकारात्मक रही। वह अब सरकार की ओर से किसी प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं।
उधर, ‘बेस्ट’ के बिजली विभाग में शनिवार को 54% लोग गैरहाजिर रहे। इससे पावर सप्लाइ पर तो असर नहीं पड़ा लेकिन फॉल्ट होने की आशंका रही। ‘बेस्ट’ प्रबंधन ने महाराष्ट्र एसेंशल सर्विसेज मेंटेनेंस ऐक्ट के तहत गैरहाजिर स्टाफ के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है। सूत्रों के मुताबिक राव सहित विभाग यूनियन के नेताओं के खिलाफ सबूत जुटा रहा है। माना जा रहा है कि अगर हड़ताल लंबी चली तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
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