मुंबई। मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन की आग मुंबई तक पहुंच गई है। इस आंदोलन को महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में शामिल शिवसेना का सर्मथन हासिल है। इसके अलावा मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से मुंबईकरों से सर्मथन की अपील की गई है। इस आंदोलन के मद्देनजर मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ में बंद का ऐलान किया गया है। हालांकि मराठा क्रांति मोर्चे की तरफ से कहा गया है कि बंद के दौरान किसी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ नहीं किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार वाशीनाका से मराठा समाज के लोगों ने संतोष पवार के मार्गदर्शन में आरक्षण के आंदोलन में कूद पड़े हैं। महाराष्ट्र के मराठवाडा से उठे आरक्षण की मांगों के सर्मथन में यह आंदोलन औरंगाबाद, पुणे आदि शहरों से होते हुए मुंबई पहुंच गया है।
वाशीनाका से भी बड़ी संख्या में समाज के लोगों का काफिला चेंबूर के पांजरापोल सर्किल पर जाकर आंदोलनकारियों में शामिल हो गया। इतना ही नहीं मराठा आरक्षण की मागों को जायज ठहराते हुए समाज के लोग मुंबई के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले इस आंदोलन का हिस्सा बनते जा रहे हैं। वाशीनाका से इस आंदोलन में शामिल होने वालों में संतोष पवार के अलावा मोहन बामने, मिथुन चटोले, अजीत कोयंडे और प्रकाश कोली आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि मंगलवार को मराठा आंदोलनकारियों के बंद के दौरान औरंगाबाद और नांदेड में कुछ जगहों पर हिंसा हुई। सड़क पर टायर जलाकर रास्ते रोके गए। कुछ जगहों पर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। कई जगहों पर स्कूल- कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई थी। औरंगाबाद में पुलिस बंदोबस्त के दौरान कांस्टेबल लक्ष्मण पाटगांवकर की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। एक पुलिसकर्मी के घायल की खबर भी आई है। औरंगाबाद में सरकारी बसें बंद रहीं। बंद में स्कूल- कॉलेजों, मेडिकल स्टोरों, एंबुलेंस और मूलभूत सुविधाओं को शामिल नहीं किया गया है। बंद के दौरान किसी प्रकार की हिंसा या तोड़फोड़ नहीं होगी।
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