लिप्टोसपेरिया से नहीं, पिटाई से हुई युवक की मौत!


मुंबई। सायन अस्पताल में भर्ती एक नाबालिग युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है। गुस्साए परिजनों ने पुलिस की गड़ियों पर पथराव भी किया। जिसमें एक पुलिस कर्मी घायल हो गया। परिजनों ने सड़क पर जाम भी लगाया। उनका आरोप है कि पुलिस की बर्बर पिटाई से उनके बेटे की मौत हुई है।

मिली जानकारी के अनुसार मोबाईल चोरी के शक में पुलिस ने पूछताछ के लिए 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले सचिन रविंद्र जैसवार (17) को धारावी पुलिस स्टेशन लायी थी, और दूसरे दिन करीब 11 बजे रात को उसे छोड़ दिया। घर आते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी तो आनंन – फानंन में उसे पास के क्लिनिक में दिखाने बाद दूसरे दिन सायन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार की सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मोबाईल चोरी के शक में जुलाई 12 की देर रात धारावी पुलिस युवक सचिन रविंद्र जैसवार को घर से उठा कर ले गई थी। दूसरे दिन जब उसे वापस छोड़ा तब उसके मुंह से खून आ रहा था। इसे लेकर उसे सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने एक युवक को पकड़ रखा है। जिसने किसी चोरी के मामले में सचिन का नाम ले लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए थाने ले आई।

आरोप है कि सचिन को पुलिस ने 24 घंटे तक लगातार पीटा, बाद में सचिन को छोड़ दिया। पिटाई की वजह से उसकी हालत खराब हो गई। परिजन ने उसे आनंन – फानंन में सायन अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी हालत लगातार खराब होती गई। पांच दिन बाद आज सचिन की अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों का आरोप हैं कि पुलिस के प्रताड़ित करने से उसकी मौत हुई है। इसी के विरोध में परिजनों ने सड़क पर जाम लगाया।

पुलिस पर पत्थरबाजी की और पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। परिजनों का कहना है जब तक दोषियों पर कार्रवाई नही होगी तब तक शव नही लेंगे। वहीं पुलिस का कहना है कि हमनें सचिन के साथ कोई मारपीट नहीं की। सचिन से पूछताछ कर छोड़ दिया गया था। सचिन को लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी थी। इसकी वजह से ही उसकी मौत हुई है, फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है। उसके बाद ही मौत की असली वजह पता चल पायेगी।

 


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