मनपा के स्वास्थ्य सफाई विभाग की अनदेखी
मुश्ताक खान/ मुंबई। करीब डेढ़ साल से वाशीनाका स्थित मुकुंदनगर (Mukund Nagar) की 13 बिल्डिंगों के सामने गटर साफ नहीं होने के कारण गंदा पानी व गंदगी अब रोड पर बहने लगी है। इससे एक तरफ मच्छरों का आतंक तो दूसरी तरफ डेंगू व महामारी का खतरा मंडराने लगा है। अब आलम यह है की लंबे समय से यहां गटर की सफाई नहीं होने के कारण स्कूली बच्चे व माहिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बन गया है।
गौरतलब है की मुकुंदनगर मनपा एम पश्चिम के वार्ड क्रमांक 155 में स्थित है। यहां के गटर की सफाई के लिए स्थानीय नागरीकों द्वारा कई बार शिकायत की गई। लेकिन अब तक मुकुंदनगर के म्हाडा कॉलोनी (Mhada Colony) के गटरों की सफाई नहीं हुई है। बताया जाता है कि करीब एक दशक से बंद पड़े खस्ताहाल मुकुंदनगर की कुल 13 बिल्डिंगों की मरम्मति का काम चल रहा है। इसी बीच मनपा द्वारा शहर व उपनगरों के परियोजना प्रभावितों को जबरन पुर्नवास भी कराया जा रहा है।
खस्ताहाल इन बिल्डिंगों के रहिवासियों की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। कई बार ठेका कंपनी या मनपा के अभियंताओं से बिल्डिंग या उसके फ्लैट में कमी या अन्य शिकायत करने पर, वहां से दो टूक जवाब मिलता है। कहा जाता है की अमुक मरम्मति का ठेका मैंने नहीं लिया है। इससे यहां के लोग बेहद परेशान हैं। शहर व उपनगरों के अलग-अलग हिस्से से आने वाले फिलहाल वक़्त की नजाकत को देखते हुए खामोश हैं। अब सवाल यह उठता है की मुकुंदनगर के गटर की सफाई कब और कौन करेगा?
गंदगी और रोड पर फैलते गंदे पानी से परेशान करीब 12 से 15 हजार रहिवासी मनपा के अधिकारी व अभियंताओं को कोस रहे हैं। यहां के लोगों के सब्र का बांध टूटा तो आंदोलन तय है। क्योंकि मुकुंदनगर में एक तरफ मच्छरों का आतंक तो दूसरी तरफ डेंगू व महामारी का खतरा मंडराने लगा है।
उल्लेखनीय है की एक तरफ मनपा स्वच्छ मुंबई व स्वस्थ्य मुंबई का प्रचार प्रसार पर करोड़ रूपये फूंक रही है। वहीं मनपा एम पश्चिम सबंधित विभाग के अधिकारी नागरीकों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। दिनों दिन बढ़ती गंदगी से स्थानीय नागरीक खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। क्योंकि गटर जाम होने से सारा गंदा पानी रोड पर आ रहा है। जो कि महामारी का संकेत है।
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