मुंबई। कई मुहूर्त टलने के बाद आखिरकार मोनोरेल अप्रैल से मुंबईकरों की सेवा के लिए उपलब्ध होगी। रेल सुरक्षा आयुक्त 15 मार्च से पहले इस परियोजना का जायजा लेंगे। इस औपचारिकता के दो-चार दिनों के बाद परियोजना के परिचालन की तारीख भी तय हो जाएगी।
मोनोरेल का चेंबूर से वडाला तक का पहला चरण 2014 में शुरू हो गया था। वडाला से लेकर जेकब सर्कल (सात रास्ता) तक का दूसरा चरण तब से लटका पड़ा है। इस चरण के क्रियान्वित होने की बात तो दूर 9 नवंबर, 2017 को आग लगने के कारण मोनोरेल का जो हिस्सा चल रहा था, वह भी बंद कर दिया गया। यह आज तक बंद है।
सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, मोनो का दूसरा चरण पूरी तरह तैयार है। जैसे ही रेल सुरक्षा आयुक्त मोनोरेल के परिचालन को झंडी दिखाते हैं, इसकी सेवा शुरू कर दी जाएगी। एमएमआरडीए अतिरिक्त आयुक्त संजय खंडारे ने बताया कि मार्च के दूसरे सप्ताह में रेल सुरक्षा आयुक्त मोनोरेल की सुरक्षा और परिचालन की जांच के लिए दौरा करेंगे। कागजी कार्रवाई पूरा होने में मार्च गुजर जाएगा। लेकिन अप्रैल की शुरुआत से मुंबईकरों को मोनो सेवा मिल जाएगी।
चूंकि अब मोनोरेल के दोनों चरण एक साथ शुरू किए जाएंगे, इसलिए चेंबूर से जैकब सर्कल के बीच हर 20 मिनट पर एक मोनोरेल सेवा के परिचालन का इरादा है। एमएमआरडीए के अनुसार, प्रबंधन के पास मौजूदा समय में सिर्फ 6 रेक ही मौजूद हैं। फिलहाल इसी से दोनों चरणों में मोनो सेवा देनी है। इसीलिए शुरुआत में कम सेवाएं संचालित की जाएंगी।
मोनोरेल के पूरे चरण के परिचालन और देख-भाल के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा निविदाएं मंगाई गईं थीं। लेकिन मोनो का पहला चरण घाटे में जाने की वजह से कोई भी ठेकेदार आगे आने को तैयार नहीं है। शायद यही वजह है कि एमएमआरडीए को परिचालन के ठेके के लिए चौथी बार निविदा की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी है।
एमएमआरडीए के अतिरिक्त आयुक्त संजय खंडारे ने बताया कि निविदा की तिथि आगे बढ़ाई गई है, क्योंकि आवेदकों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि 12 मार्च को परिचालन की निविदाएं खोली जाएंगी।
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