संवाददाता/ मुंबई। डोंगरी (Dongri) में इमारत दुर्घटना के बाद नींद से जागे म्हाडा अधिकारी खतरनाक इमारतों को खाली कराने की शुरूआत की है। चरणबद्ध तरीके से होने वाली इस कार्रवाई में पहले भिंडी बाजार इलाके में पुनर्विकास के लिए चयनित इमारतों के निवासियों को ट्रांजिट कैंप और दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। म्हाडा (Mhada) पुनर्वसन और मरम्मत विभाग के अधिकारी के अनुसार म्हाडा हर वर्ष बरसात से पहले खतरनाक इमारतों का सर्वे करने के बाद उसकी सूची घोषित करती है।
खतरनाक इमारतों में रहने वाले निवासियों को घर खाली करने की नोटिस भी दी जाती है। इसके बाद भी कई निवासी अपने जिम्मेदारी पर उसी खतरनाक इमारतों में रहते हैं। अधिकारी का कहना है कि म्हाडा को निवासियों की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिलने से कई बार उनको घर खाली करने के लिए मान – मनौवल करने में अधिक समय व्यर्थ हो जाता है। नौकरी व धंधे के कार्यक्षेत्र तथा बच्चों के स्कूल दूर होने के कारण निवासियों की तरफ से दिया जाता है। इसी प्रक्रिया में वे अपना जीवन खतरे में डाल कर वहीं रहते हैं।
खतरनाक इमारतों को खाली कराने वाली प्रक्रिया के तहत 70 प्रतिशत निवासी तैयार हो जाते हैं जिन्हें ट्रांजिट कैंप अथवा बिल्डर की तरफ से तत्काल रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। बावजूद इसके बिल्ड़र और निवासियों के बीच विवाद बना रहता है। इस विवाद को सुलझाने के लिए म्हाडा अधिकारियों को बीच – बचाव करना पड़ता है। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद भी निवासी जगह खाली करने को तैयार नहीं होते हैं तो उन्हें जबरन इमारत खाली करने लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ता है। भिंडी बाजार पुर्नविकास के अंतर्गत 2900 निवासी और 850 कामर्शियल गालों के निवासी पुनर्विकास के लिए सहमति दिए हैं। ऐसे लोगों को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है।
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