संवाददाता/ मुंबई। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी शहीद-ए-वतन अशफ़ाक़ुल्लाह खान, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह और राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के ‘बलिदान दिवस’ (Balidan Diwas) पर ‘शहीदों की याद में’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शहीद-ए-वतन बिस्मिल अशफ़ाक़ फ़ाउंडेशन (Shaheed-e-watan Bismil Ashfaque Foundation) (रजि) और श्री घनश्यामदास पोद्दार विद्यालय (Shri Ghanshyamdas Poddar School) के भूतपूर्व विद्यार्थियों के समूह ‘क्रेज़ी पोद्दार किड्स’ (Crazy Poddar Kids) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में काकोरी कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गौरतलब है की शहीद अशफ़ाक़उल्लाह ख़ान, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल और रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी। इन तीनों के एक और साथी राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को भी 19 दिसंबर को ही फांसी दी जानी थी लेकिन उन्हें 17 दिसंबर को ही फांसी दे दी गई थी।
वरिष्ठ पत्रकार और संस्था के अध्यक्ष सैयद सलमान ने इस अवसर पर बिस्मिल-अशफ़ाक़ की मित्रता, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, एक दूसरे के प्रति उनके प्रगाढ़ रिश्तों पर अपने विचार रखते हुए शहीद अशफ़ाक़ और पंडित बिस्मिल को निर्विवाद रूप से हिंदू-मुस्लिम एकता का अनुपम उदहारण बताया। उन्होंने बिस्मिल-अशफ़ाक़ को आदर्श मानकर राष्ट्रनिर्माण में युवाओं को आगे आने का आह्वान किया।
कार्यक्रम केे मुख्य अतिथि अनिल गलगली ने आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के राष्ट्रीय एकात्मता और सद्भाव के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की ज़रुरत पर ज़ोर दिया। वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश सिंह ने सामाजिक सौहार्द कायम रखने और उसके लिए संघर्षरत रहने की युवा वर्ग से अपील की।
कार्यक्रम में अरुण मिश्रा, नूर अहमद खान, सैयद इरफ़ान, इंद्रेश दुबे, इमरान ज़ाहिद खान, अमित सकपाल, प्रवीण जैन और पंकज सोनी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार जितेंद्र यादव ने किया और आभार प्रदर्शन निखिल हरपुड़े ने व्यक्त किया।
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