मनपा करे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई
मुंबई। मच्छरों का आतंक और बरसाती बीमारियों का खतरा अंधेरी पूर्व के मरोल सागबाग (Marol SagBaug) क्षेत्र में मंडराने लगा है। सागबाग क्षेत्र की घनी आबादी में स्थित हनुमान मंदिर के पीछे चालों में रहने वाले नागरिक इन दिनों खौफ के साए में हैं। वहीं मनपा के कंट्रोल रूम व सबंधित विभाग के अधिकारियों ने दो टूक जवाब दिया। नगरसेवक के कहने पर ही कीटनाशक का छिड़काव होगा वरना नहीं।
गौरतलब है कि बरसाती बीमारियों के कारण मनपा के अस्पतालों सहित शहर व उपनगरों के लगभग सभी हॉस्पिटल और क्लिनिक बरसाती बीमारियों से त्रस्त मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। मनपा के ताजा आंकड़ों के मुताबित इस वर्ष स्वाईन फ्लू के 113 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जबकि लेप्टोस्पाईरोशिया और डेंगू से जुलाई में दो लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह गेस्ट्रों के मरीजों की संख्या में भी भारी उछाल आया है।
खतरनाक बीमारियों का मुख्य कारण बरसात के दिनों में जन्मे कीड़े-मकोड़े और मच्छरों को ही माना जाता है। हालांकि इन बीमारियों से बचने के लिए मनपा द्वारा कारगर कदम उठाया है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाहियों के कारण मनपा का प्लान हर साल फेल होता है।
इस कड़ी में दिलचस्प बात यहा है कि अंधेरी पूर्व के मरोल सागबाग स्थित हनुमान मंदिर के पीछे की चालों में घनी आबादी रहती है। इस इलाके में साफ सफाई का अभाव है। कचरों में जलजमाव के कारण गंदगी में जन्म लेने वाले जीव-जंतु ही इन बीमारियों के दाता हैं। इसे देखते हुए जनहित विकास मंच वेत्र् राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय राय ने 20 जुलाई को टेलीफोन द्वारा मनपा कंट्रोल में शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने 25 जुलाई को मनपा के कंट्रोल रूम में 1916 पर फिर से कीटनाशक छिड़काव के लिए आग्रह किया था।
जिसकी शिकायत क्रमांक 0722385755 है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होता देख विजय राय 31 जुलाई को मनपा के विभाग के संबंधित अधिकारी नालावड़े व दिलीप से मुलाकात कर क्षेत्र की समस्याओं को बताया व कीटनाशक छिड़काव के लिए आग्रह किया। यहां नालावड़े ने उनके साथ अभद्रता व्यवहार करते हुए दो टूक जवाब दिया कि नगरसेवक कहेगा तो धुंआ मारूंगा आम जनता के कहने पर कुछ नहीं होता।
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