मुंबई। मुंबई। घास वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हजरत सैय्यद गाजी सालार मलंग शाह कादरी का उर्स 31 अगस्त से 10 सितंबर 2018 तक चलेगा। इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है। हालांकि तैयारियों के दौरान यहां हर सुबह और शाम विधिवत रूप से लोहबान और नगाड़ा बजाया जाता है। माहूल के एमपीटी रोड पर स्थित बाबा के दरगाह शरीफ का मुख्य मार्ग बंद किये जाने के बावजूद उनके चाहने वालों की भीड़ में कोई कमी नहीं आई है। इस बार के उर्स के मौके पर क्षेत्रीय विधायकों व नगरसेवकों के अलावा राज्य के कई मंत्रियों के आने की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि हर साल कि तरह इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ घास वाले बाबा का उर्स मनाने की तैयारी है। उर्स के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेटी को श्रद्धांजलि देने की भी योजना दरगाह ट्रस्ट के सदस्यों ने बनाई है। उर्स के पहले दिन परचम कुशाई बाद नमाज अमन व शांति के लिए दुआएं मागी जाएगी। 1 सितंबर को गुस्ल और 2 से 9 तक संदल व महफिल-ए- शाम का प्रोग्राम होगा और 10 सितंबर को कुल शरीफ व महफिले आम का आयोजन किया गया है।
इस दौरान हर रोज लंगर का इंतजाम ट्रस्ट की जानिब से किया जाएगा। हजरत सैय्यद गाजी सालार मलंग शाह कादरी के ट्रस्टी सूफी जमाल शाह कादरी ने बताया की इस वर्ष अजमेर शरीफ से कुछ खसूसी मेहमान आने वाले हैं। इसके अलावा ट्रस्ट की तरफ से राज्यपाल विद्या सागर राव, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के अलावा अन्य कई मंत्री और विधायकों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि बाबा के उर्स में महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों के अलावा कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्रप्रदेश से भी श्रद्धालु आते हैं। बाहर से आने वालों के लिए खास इंतजाम किया जाता है।
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