साभार/ मुंबई। वर्ली पुलिस ने कारतूस चुराने के मामले में कुर्ला पुलिस के कांस्टेबल महेंद्र पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। महेंद्र पर आरोप है कि लोकल आर्म्स डिविजन की तैनाती के समय उसने अपने साथी पुलिस कांस्टेबल के 50 कारतूस चुरा लिए थे। पुलिस के मुताबिक पिछले साल 8 दिसंबर को कांस्टेबल विजय हिर्लेकर, संकेत माली, महेश दुधवाड़े, राजू पवार व राहुल कदम को लोकल आर्म्स डिविजन में तैनात किया गया था। सभी के पास एसएलआर राइफल के साथ जिन्दा कारतूस भी थे।
अगली सुबह माली ने बताया कि उसके 50 कारतूस गायब हैं। इस मामले की शिकायत वर्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। बाद में चला कि आरोपी कांस्टेबल पाटिल ने दादर पुलिस स्टेशन में तैनात कांस्टेबल अरुण निकुम्भ को बताया कि उसे कुछ लावारिश जिन्दा कारतूस मिले हैं, जो वह जमा कराना चाहता है। पाटिल ने निकुम्भ को कारतूस देने के बाद अपना बयान दर्ज नहीं करवाया।
इस बारे में जब वर्ली पुलिस ने पाटिल से पूछताछ की तो उसने बताया कि 8 दिसंबर को लोकल आर्म्स डिविजन के बाहर कुछ बच्चे एक बैग से खेल रहे थे जब उसने बच्चों से बैग के बारे में पूछा तो वे उसे फेंक कर भाग गए। पाटिल ने बताया कि उसे बैग में 50 जिन्दा कारतूस मिले थे। पाटिल के बदले बयानों के बाद जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच समिति ने पाया कि वारदात वाले दिन पाटिल ने अपने कुछ दोस्तों के साथ शराब पी थी। बाद में पाटिल ने कांस्टेबल माली के बैग से 50 जिन्दा कारतूस चुरा लिए थे। समिति ने पाटिल द्वारा निकुंभ की दी गई जानकारी व वर्ली पुलिस को दिए गए बयानों में काफी अंतर पाया।जांच में यह भी बात सामने आई है कि माली के कारतूस को वापस करने के लिए पाटिल ने कथित रूप से पैसे मांगे थे।
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