मुंबई। कुर्ला पूर्व के खादिमाने गौस वाज कमेटी द्वारा मोहर्रम के मौके पर दस दिनों का वाज (मजलीस) किया गया। मोहर्रम की पहली तारीख से यौमे आशूरा के दिन तक मौलाना ने इमाम हुसैन की शहादत को इस्लाम की रौशनी का हवाला देते हुए पेश किया। यहां के लोगों को इस्लाम की बारिकियों से रूबरू कराया।
इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम का होता है, इसी माह की यौमे आशूरा के दिन हजरत इमाम हुसैन सहित लगभग 72 लोग कर्बला के मैदान में शहीद हुए थे। खादिमाने गौस वाज कमेटी व अन्य कमेटियों द्वारा छोटे बड़े कई ताजिया के साथ चलने वाले लोगों ने या हुसैन – या हुसैन का नारा लगाते हुए एस जी बर्वे मार्ग से होते हुए ठक्कर बाप्पा कालोनी से वापस आए।
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