उल्हासनगर। उल्हासनगर के सुप्रसिद्ध प्राचीन झूलेलाल मंदिर में ईस्ट देव झूलेलाल की प्रतिमा से लाखों रुपये के जेवरात 22 मई की रात चोरों ने उड़ा लिए। जिसके बाद शिकायत दर्ज कराई गई थी। गुरुवार की देर शाम सोनार गली में स्थित एमबी जूलर्स को चोरी के जेवरात बेचने का प्रयास करने वाले चोर को उल्हासनगर पुलिस ने जूलर्स की सूझबूझ के चलते गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि 22 तारीख की आधी रात के बाद, एक से तीन बजे के दरम्यान अज्ञात चोरों ने मंदिर में घुसकर इष्टदेव की प्रतिमा से 17 श्रृंगार के मुकुट, कर्णफूल, हार, चेन, हाथ के कंगन जैसे मूल्यवान जेवरात लेकर फरार हो गए थे। इनकी कीमत 10 से 15 लाख रुपये आंकी जा रही है। पुलिस ने संदेह के आधार पर मंदिर के चौकीदार ओम प्रकाश पांडेय को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी।
पांडेय ने पुलिस को बताया था कि रात 1 बजे के करीब दो अज्ञात लोग किसी का पता पूछने के बहाने आए और उसके मुंह पर रुमाल फेंका, जिससे वह मूर्छित हो गया। उसके बाद चोर मंदिर में घुसकर जेवर लेकर फरार हो गए थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने मंदिर में लंगर का प्रसाद बनाने वाले तीन लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। बावजूद इसके पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों को गहन पूछताछ के बाद छोड़ दिया था।
गुरुवार की रात अनिल मोरपानी नामक युवक सोनार गली में स्थित एमबी जूलर्स के यहां करीबन 15 तोला जेवरात बेचने आया। जब उसने दुकान के मालिक प्रदीप को वे जेवरात दिखाए तो उसे शक हुआ। उसने यह जानना चाहा कि जेवरात कहां से लाया है, इस पूछताछ से अनिल मोरपानी हड़बड़ा गया।
एमबी जूलर्स ने 10 मिनट में कैश मंगा कर देने का बहाना बनाकर इसकी सूचना स्थानीय नगरसेवक प्रकाश माखीजा के साथ-साथ मंदिर के ट्रस्टी बच्चराम रूपचंदानी व मोहनदास माखीजा को दी। मंदिर के जेवरात की सूचना मिलते ही प्रकाश माखीजा ने तुरंत उल्हास नगर के सीनियर पीआई डी.डी.पालवे को सूचना दी। पालवे ने अविलंब पुलिस की टीम भेजकर जेवरात चुराने वाले शातिर चोर अनिल मोरपानी को गिरफ्तार कर लिया।
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