मुश्ताक खान/ मुंबई। चालीस दिनों का व्रत पूरा कर सिंधी समाज के श्रद्धालुओं ने चालिया साहेब पर्व की प्राचीन परंपराओं को श्रद्धा के साथ पूरा किया। चालीस दिनों तक चलने वाले जल देवता झूलेलाल (वरन देवता) की वंदना में लगे समाज के लोगों ने वाशीनाका के आशीष तालाब पर व्रत तोड़ा। चेंबूर के वरनपुरी जल आश्रम पूज्य पंचायत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक प्रकाश फातर्पेकर सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
लगातार चालीस दिनों तक चले वरन देवता की पूजा अर्चना को सिंधी समाज के लोगों ने श्रद्धापूर्वक मनाया। इसका ताजा मिसाल चेंबूर कैंप के वरन देवता (बाबा झूलेलाल) के मंदिर में देखा गया। सदियों पुरानी चालिया साहेब पर्व को समाज के लोगों ने और भव्य रूप दिया है।
वहीं इस पर्व की गरीमा को सिंधी समाज के वर्तियों ने काफी सावधानी से रखी। लगभग छह दशक से चेंबूर के वरनपुरी जल आश्रम पूज्य पंचायत द्वारा आयोजित चलिया साहेब पर्व में लगभग हर समाज के लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह में इस पर्व को मनाया जाता है।
पूज्य पंचायत के ट्रस्टी एवं अध्यक्ष अजय तलरेजा, उपाध्यक्ष रमेश लोहाना के सहयोग से पिछले 60 वर्षों से चालिया साहेब पर्व को श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। चालिया पर्व में महिला एवं पुरूष आशीष तालाब के तट पर पूजा अर्चना करते हैं।
वहीं पहले दिन, नवरा और चालीसवें दिन महिलाएं दीप जला कर मन्नतें मांगती हैं। आस्था से जुड़े इस पर्व को सिंधी समाज के लोग शुभ मानते हैं। मौजूदा समय में चालिया साहेब पर्व को दशहरा, गणपति, ईद और दीपावली की तरह देश के विभिन्न राज्य व शहरों में काफी धूम धाम से मनाया जाता है।
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