कोरोना का असर मनपा पर!
आनंद मिश्र/ मुंबई। कोरोना (Coronavirus) संकट जिस तरह अपना पैर पसारता जा रहा है वह अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया है। इसका असर प्रशासनिक व्यवस्था पर भी देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र सरकार ने एक अप्रत्याशित फैसला लेते हुए मुंबई महानगरपालिका के कमिश्नर प्रवीण परदेशी का शुक्रवार कोअचानक ट्रांसफर कर दिया।
गौरतलब है कि 1985 बैच के आईएएस अधिकारी प्रवीण परदेसी अब एडिशनल चीफ सेक्रेट्री के पद पर काम करेंगे। परदेसी इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त सचिव रहे हैं। प्रवीण की जगह अब इकबाल चहल को नया आयुक्त नियुक्त किया गया है।
आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोरोना के चलते बिगड़ रहे हालत के बीच उद्धव सरकार का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है। इस फेरबदल की लिस्ट लंबी है। ठाणे नगर निगम के कमिश्नर संजीव जायसवाल को बीएमसी (BMC) का नया एडिशनल कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं इस पद पर अभी तक तैनात आबासाहेब जरहाद को रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन विभाग मेंसचिव बनाया गया है। यही नहीं पूरे मुंबई में अंडर ग्राउंड मेट्रो नेटवर्क बिछाने की जिम्मेदारी संभाल रही तेजतर्रार आईएएस ऑफिसर अश्विनी भिड़े को भी बीएमसी में ला दिया गया है। श्रीमती भिड़े अब यहां अडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर के तौर पर कार्य करेंगे और अपनी सेवाएं देंगी
इस बीच प्रवीण परदेसी के अचानक तबादले तबादले पर कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि प्रवीण परदेसी द्वारा मुंबई में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लिए गए फैसलों से सरकार में कई मंत्री नाखुश चल रहे थे। छगन भुजबल ने तो बिना किसी का नाम लिए अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया था। वहीं, गुरुवार को सायन हॉस्पिटल का वीडियो वायरल होने के बाद से ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था। इस वीडियो में साफ दिख रहा था कि कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही इस बीमारी से मृतहुए लोगों के शव वार्ड में रखे गए थे और दूसरे मरीजों को मजबूरी में उनके पास सोना पड़ रहा था।
जानकारों के अनुसार, धारावी में कोरोना के बढ़ते मामले भी परदेसी के लिए मुसीबत बन गए। यहां 800 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं और दर्जनों से ज्यादा की मौत हो चुकी है। इसके अलावा मुंबई में 11 हजार के करीब केस पहुंचना भी परदेसी के ट्रांसफर का कारण बना।
गौरतलब है कि मुंबई में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं और मरीजों को समय पर प्रवेश, उपचार और व्यापक जानकारी प्रदान करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के पास एक सक्षम प्रणाली नहीं है। इससे मुंबई महानगर पालिका की छवि पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। ऐसी स्थिति में, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के पास अभी भी एक अंशकालिक उपायुक्त है और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को पूर्णकालि मनपा उपायुक्त कब मिलेगा?
शनिवार को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मुख्य सचिव अजोय मेहता और मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकार ने आज स्वास्थ्य विभाग के लिए एक नहीं बल्कि सात आईएएस अधिकारियों को भेजा है। 1 आयुक्त, 2 अतिरिक्त आयुक्त और 1 संयुक्त आयुक्त को जोड़कर, कुल 11 आईएएस अधिकारी वर्तमान में मुंबई महानगरपालिका में कार्यरत हैं। लेकिन दुर्भाग्य से सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कोई पूर्णकालिक मनपा उपायुक्त नहीं है।
अनिल गलगली ने आगे कहा कि वर्तमान में मनपा उपायुक्त जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग का प्रभार दिया गया है, वे सुधार विभाग के पूर्णकालिक मनपा उपायुक्त हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार, मुंबई महानगरपालिका खुद सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी कर रही है, अन्यथा एक पूर्णकालिक मनपा उपायुक्त को सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त किया जाता।
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