देश में बनेंगे 6 और कैंसर हॉस्टिल- डॉ. शर्मा
मुंबई। कैंसर पीड़ितों की सहायता में उतरी बेंगलुरू की इंफोसिस फाउंडेशन, टाटा मेमोरियल सेंटर के नवी मुंबई स्थित खारघर में 60 एकड़ में फैले कैंसर हॉस्पिटल परिसर में 260 कमरों की बहुमंजिली इमारत करीब 75 करोड़ की लागत से बनाएगी। लगभग सवा 2 लाख वर्ग फीट के भावी इमारत का भूमि पूजन फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति और भारत सरकार के एटॉमिक एनर्जी कमीशन के डॉ. शेखर बासू के हाथों किया गया। इस मौके पर निदेशक डॉ. कैलाश शर्मा, डॉ. एच के नारायणन, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हुमायूं जाफरी, स्वाती म्हात्रे आदि गणमान्य मौजूद थे।
कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नवी मुंबई, खारघर के पहाड़ियों से सटे बंजर, पथरीले व रेगिस्तान नुमा इलाके में कैंसर हॉस्पिटल बनाया गया है। यह इलाका सिडको के अधीन है। खारघर रेलवे स्टेशन से कैंसर हॉस्पिटल महज 4.3 किलोमीटर पर स्थित है। सिडको के सेक्टर 22 में बने हाईटेक हॉस्पिटल में आने-जाने के लिए ऑटो रिक्शा, टैक्सी आदि की बेहतर सुविधा भी है। लेकिन मरीज व उनकी सहायता करने वालों के लिए कोई आशियाना नहीं है। इस सुविधा को पूरा करने के लिए बेंगलुरू की इंफोसिस फाउंडेशन ने कमर कस लिया है।
भूमिपूजन के मौके पर एडवांस सेंटर फॉर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन इन रिसर्च कैंसर (ए. सी. टी आर इ सी) की निदेशक डॉ. एस वी चिपलुंकर ने बेंगलुरू की इंफोसिस फाउंडेशन की हौसला अफजाई की व आभार माना। उन्होंने कहा की परेल स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर में उपचार के लिए देश विदेश से मरीज आते हैं। मुंबई के बाहर से उपचार के लिए टाटा मेमोरियल सेंटर में आने वाले मरीजों को रहने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में टाटा के अनुभवी डॉक्टरों द्वारा मरीजों को उपचार के दौरान यहां ठहरने की सलाह भी दी जाती है। जो उनके लिए परेशानियों का सबब बन जाता है।
इसे देखते हुए बेंगलुरू के इंफोसिस फाउंडेशन द्वारा टाटा के खारघर सेंटर में एक बहुमंजिली इमारत बनाने का फैसला किया है। इसे 18 से 24 महीनों में बना कर मरीजों के लिए तैयार किया जाएगा। इस इमारत का नाम आशा निवास रखा गया है। आशा निवास में किफायती दरों पर मरीज के साथ एक आदमी को ठहरने के लिए रूम दिया जाएगा। आशा निवास में 260 कमरें होंगे। कमरों के अलावा यहां कपड़े धुलने की जगह और प्रार्थना कक्ष सहित लाइब्रेरी की भी सुविधा होगी। आशा निवास 2 लाख 25 वर्ग फीट में बनेगा।
बता दें कि इमारत बनने में लगने वाला खर्च इंफोसिस द्वारा वहन किया जाएगा। मुंबई के टाटा कैंसर अस्पताल में हर साल उपचार के लिए 60 हजार से अधिक नए मरीज पंजीकृत होते हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार यहां उपचार के लिए आने वाले 70 प्रतिशत मरीज मुंबई के बाहर से आते हैं। आशा इमारत का मूल उद्देश्य बाहर से आने वाले अधिक से अधिक मरीजों और उनके परिजन के लिए यहां ठहरने की सुविधा मुहैया कराना है। शैक्षणिक संचालक के निदेशक डॉ. कैलाश शर्मा ने बताया की देश में इस तरह के 6 और हॉस्पिटल जल्द ही बनाया जाएगा। इनमें वाराणसी, पंजाब, मोहाली, विशाखापट्नम, गोवाहाटी और बिहार के मुजफ्फपुर में कैंसर हॉस्पिटल जल्द ही बनाया जाएगा। इन हॉस्पिटलों की देखभाल एटॉमिक एनर्जी विभाग और टाटा द्वारा किया जाएगा।
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