मुंबई। भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को लेकर फिर चौंकाने वाली बात सामने आई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि,’यह चौंकाने वाली बात है कि फरार आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और कई अन्य लोगों को महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के अलीबाग शहर में समुद्र तट के पास अवैध निर्माण की किस प्रकार अनुमति दी गई।’
अदालत ने कहा कि ‘यह अधिकारियों द्वारा इस तरह के उल्लंघनों की अनदेखी करना, विवेक का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करने का मामला है।’ इस मामले में अदालत ने कोंकण क्षेत्र के संभागीय आयुक्त (डीसी) को जांच करने का निर्देश दिया कि अलीबाग बीच के पास 160 से ज्यादा अवैध निजी ढांचों के निर्माण की अनुमति कैसे दी गई।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति आर आई चगला की पीठ ने डीसी को आठ सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव, राजस्व और वन विभागों को सौंपने का निर्देश दिया। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को भी निर्देश दिया कि वह जांच के निष्कर्षों और राज्य द्वारा शुरू किए गए सुधारात्मक कदमों के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करे। ये दिशानिर्देश कार्यकर्ता सुरेन्द्र धवले द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को पीठ द्वारा पारित फैसले का हिस्सा थे। याचिका में मांग की गयी थी कि अदालत अलीबाग के विभिन्न गांवों में समुद्री तट पर किए गए सभी अनधिकृत निर्माण को गिराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे।
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