साभार/ मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के सबसे बड़े अस्पताल केईएम में जल्द ही हृदय प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू होने वाली है। इस संदर्भ में लाइसेंस संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। हृदय प्रत्यारोपण की ट्रेनिंग के लिए जल्द ही अस्पताल के डॉक्टर इंग्लैंड जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, बीएसमी अस्पताल में ऐसी सुविधा शुरू होने से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
केईएम अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, लाइसेंस संबंधित सभी तरह की प्रक्रिया को हाल ही में पूरा किया गया है। अस्पताल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में विशेष हृदय प्रत्यारोपण यूनिट शुरू करने के लिए हमने राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। हाल ही में हमें अनुमति मिली है। चूंकि हृदय प्रत्यारोपण काफी जटिल प्रक्रिया होती है और इसके लिए ट्रेंड डॉक्टर की जरूरत होती है, ऐसे में हम जल्द ही डॉक्टरों और इस यूनिट से जुड़े सभी लोगों की ट्रेनिंग शुरू करेंगे।
अस्पताल के डीन डॉ.अविनाश सुपे ने बताया कि हृदय प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को अच्छे से समझने के लिए हम अपने कुछ डॉक्टर को इंग्लैंड ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं। तकरीबन 2-3 महीने तक ट्रेनिंग लेने के बाद डॉक्टर वापस आएंगे। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो संभवत: एक साल के अंदर अस्पताल में प्रत्यारोपण सुविधा शुरू हो सकती है।
1968 में देश का पहला हृदय प्रत्यारोपण केईएम अस्पताल में हुआ था। यह प्रत्यारोपण तत्कालीन डॉ पी.के.सेन ने की थी। हालांकि, किसी कारणवश प्रत्यारोपण के बाद मरीज सर्वाइव नहीं कर सका और उसकी मौत हो गई। ऐसे में अगर इस साल अस्पताल में प्रत्यारोपण शुरू होता है, तो 50 साल में दूसरी बार अस्पताल में प्रत्यारोपण किया जाएगा। अस्पताल के हॉर्ट सर्जन डॉक्टर बालाजी ने बताया कि समय पर अंग न मिलने के कारण अंगदान की उम्मीद में बैठे मरीजों की लंबी लिस्ट है। प्राइवेट अस्पतालों में हृदय प्रत्यारोपण के लिए 25-30 लाख रुपये लगते हैं। बता दें कि हर साल केईएम में हजारों मरीज दिल की बीमारियों के उपचार के लिए आते हैं, इसमें से 1000-1500 मरीजों को गंभीर समस्या होती है।
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