मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गुरुदास कामत का गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चेंबूर स्थित चरई श्मशान भूमि में कामत का दाह संस्कार किया गया। अपनी सांसद निधि से पैसे देकर कामत ने ही चरई श्मशान भूमि का सुधार करवाया था और 26 अगस्त 2009 को कामत ने ही इसका लोकार्पण किया था। इसी श्मशान भूमि में जाकर कामत की अंतिम यात्रा खत्म हुई।
दिल्ली में बुधवार की सुबह 63 वर्षीय कामत का दिल का दौरा पड़ने निधन हो गया था। बुधवार की रात उनका उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से मुंबई लाया गया और उनके चेंबूर स्थिति निवास रखा गया था। गुरुवार की सुबह अंतिम दर्शन के बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। कामत के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कैबिनेट मंत्री प्रकाश मेहता, विनोद तावडे के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव व महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अशोक चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व मंत्री नसीम खान, कृपाशंकर सिंह, चंद्रकांत हंडोरे, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम, मुंबई राकांपा के अध्यक्ष सचिन अहिर, समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी, पूर्व विधायक राजहंस सिंह, रमेशसिंह ठाकुर, मुंबई कांग्रेस के महासचिव भूषण पाटील, उपाध्यक्ष जाकिर अहमद, वीरेंद्र उपाध्याय, जयप्रकाश सिंह, उदयप्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
राजकीय सम्मान के तहत पुलिस के बैंड की मातमी धुन के साथ कामत की अंतिम यात्रा शुरू हुई। फूलों से सजे ट्रक पर उनका शव रखा गया। जब उनकी अंतिम यात्रा श्मशानभूमि पहुंची, तो वहां पुलिस की सशस्त्र टुकड़ी ने उन्हें हवा में गोलियां दाग कर राजकीय सम्मान की रस्म अदा की। इसके बाद जब उनके बेटे डॉ. सुनील कामत ने उन्हें मुखाग्नि दी, तो उन्हें अंतिम विदाई देने आए लोगों की आंखें भी नम हो गईं।
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