मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से कहा है कि वह भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या के लिए सरकारी गेस्ट हाउस को जेल में बदल सकती है। राज्य सरकार अपने इस कदम से विजय माल्या के वकीलों के उस तर्क को निष्फल करना चाहती है, जिसमें वे भारत में जेलों की खराब स्थिति की दलील दे रहे हैं। बता दें, माल्या के वकीलों ने ब्रिटिश कोर्ट में भारत के जेलों की खराब स्थिति का हवाला दिया था और यही उसके यूके से प्रत्यर्पण में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों के पास देश में किसी भी स्थान को जेल के रूप में घोषित करने की शक्ति है। उन्होंने कहा, ‘हमने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस विकल्प पर विचार करे। यदि जेलों की स्थिति माल्या के प्रत्यर्पण में बाधा बनती है, तो हम उसे गेस्ट हाउस में रखेंगे और उसे जेल घोषित कर दिया जाएगा।’
गृह मंत्रालय के नौकरशाह ब्रिटिश अदालत में प्रत्यर्पण पर सुनवाई के दौरान माल्या के वकीलों से निपटने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए मंगलवार को बैठक करेंगे। इस दौरान माल्या को कहां रखा जाए, इस पर विचार किया जाएगा। माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई 4 दिसंबर को होगी जबकि केस के प्रबंधन की अगली सुनवाई 20 नवंबर को है।
सरकार ने विजय माल्या को रखने के लिए मुंबई के आर्थर रोड जेल की पहचान की है। जेल के बैरक नंबर 12 में पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को रखा गया था और इसी बैरक में माल्या को रखने की योजना है। इस बैरक में एसी को छोड़कर, वे सभी सुविधाएं हैं जो एक यूरोपीय जेल में होती है।
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