मुंबई। सरकार ने दवा और सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन और बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त कानून ला रही है। इस संदर्भ में कानून का उल्लंघन करने पर दंड वसूली का प्रावधान किया गया है। सरकार इसे विधेयक के रूप में विधानमंडल में पेश करेगी। मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अब मेडिकल स्टोरों पर लाइसेंस लटकाना, बैनर पर केमिस्ट व ड्रगिस्ट, ड्रग स्टोर्स लिखना, पंजीकृत फार्मासिस्टों के परिर्वतन पर लाइसेंसिग अथारिटी को जानकारी देना और एक्सपाइरी दवाओं को अलग करना अनिवार्य किया जाएगा। ऐसा न करने पर दंड का प्रावधान किया गया है।
दवा और सौंदर्य प्रसाधनों के आयात, उत्पादन, बिक्री और वितरण को लेकर प्रचलित कानून में लाइसेंसधारी का लाइसेंस रद्द या निलंबित करने का ही अधिकार था। इसके अतिरिक्त दंड वसूलने का कोई प्रावधान नहीं था। ऐसे में कानून की कुछ धाराओं में सुधार करते हुए नई धारा को जोड़ने को मंजूरी दी गई। राज्य में करीब 76 हजार, 800 दवा बिक्री केंद्र और तकरीबन 4400 उत्पादन प्रतिष्ठान हैं। हर साल इनकी संख्या में हजारों की तादाद में इजाफा होता है।
इन प्रतिष्ठानों की तरफ से कानून के उल्लंघन में इनका लाइसेंस रद्द करने या निलंबित करने की कार्रवाई की जाती है। कानून के गंभीर उल्लंघन करने पर अदालती कार्रवाई की जाती है। ऐसी हालत में अंतिम सजा तक पहुंचने में काफी वक्त लगता है। फिलहाल राज्य में प्रशासकीय कार्यवाही के खिलाफ अपील करने के छह हजार मामले शासन के पास लंबित हैं। साथ ही राज्य की विभिन्न अदालतों में 2200 केस लंबित हैं।
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