साभार/ मुंबई। महाराष्ट्र में मल्टिप्लेक्स के अंदर सिनेमा देखने वालों के लिए खुशखबरी है। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने सिनेमा हॉल के अंदर खाना लेने जाने की अनुमति दे दी है। आगामी एक अगस्त से फिल्म देखने वाले मूवी थिअटर के अंदर खाना ले जा सकेंगे। यही नहीं सिनेमा हॉल के बाहर बिकने वाले फूड प्रॉडक्ट के दाम भी कम होंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने यह भी कहा है कि वह इस संबंध में मल्टिप्लेक्स मालिकों के साथ बैठक करेगी और मल्टिप्लेक्स के अंदर मिलने वाले सामान का दाम बाजार में बिकने वाले दाम के बराबर कराएगी। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा था कि वह सिनेमा हॉल में बाहर के खाने को ले जाने के मुद्दे पर विचार करके उसे अनुमति दे।
न्यायाधीश आरएम बोर्डे और न्यायाधीश राजेश खेतकर ने यह निर्देश जैनेंद्र बख्शी की जनहित याचिका पर दिया था जिसकी पैरवी वकील आदित्य प्रताप कर रहे थे। याचिका में कहा गया था कि थिअटरों में बाहर का खाना और पानी अंदर ले जाने पर कोई सांविधिक या कानूनी रोक नहीं है। वकील प्रताप ने कहा कि महाराष्ट्र सिनेमा (नियमन) नियम के तहत थिअटरों और ऑडिटोरियमों के अंदर खाना बेचना और उस बेचने के लिए दर्शकों के पास जाना प्रतिबंधित है, लेकिन यह धड़ल्ले से हो रहा है।
वहीं, सुनवाई के दौरान फिक्की मल्टिप्लेक्स ओनर्स असोसिएशन, जो कि सिनेमा थिअटर मालिकों की एक राष्ट्रीय संस्था है, ने कहा कि उसे भी इस मामले में अपना पक्ष रखने दिया जाए। असोसिएशन का कहना है कि याचिका दायर करके जो राहत मांगी गई है, उससे मल्टिप्लेक्स मालिक प्रभावित होंगे, जो इस संस्था के सदस्य हैं।
इसके बाद राज्य सरकार ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर सभी पक्षों के विचार जानने के बाद ही कोई निर्णय लेगी और दो सप्ताह बाद न्यायालय को अपना फैसला बताएगी। महाराष्ट्र सरकार ने अब सिनेमा हॉल के अंदर खाना ले जाने की अनुमति दे दी है। बता दें कि महाराष्ट्र में सिनेमा हॉल के अंदर ज्यादा दामों पर फूड प्रॉडक्ट बेचने का भारी विरोध हो रहा है।
पिछले दिनों पुणे में एक पूर्व पार्षद समेत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएसस) के कुछ कार्यकर्ताओं ने एक मल्टिप्लेक्स के सहायक प्रबंधक को थप्पड़ मार दिया था। थिअटर के भीतर खाद्य वस्तुओं की ज्यादा कीमतों को लेकर इन लोगों ने सहायक प्रबंधक के साथ बदसलूकी भी की थी। इस घटना की शिकायत होने के बाद पूर्व पार्षद किशोर शिंदे और एमएनएस के अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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