मुंबई। महाराष्ट्र के ‘सुपर कॉप’ पूर्व एटीएस प्रमुख हिमांशु रॉय ने खुदकुशी कर ली है। बेहद सख्त अफसर के तौर पर पहचान रखने वाले रॉय लंबे समय से ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को उन्होंने अपने ही सरकारी आवास पर सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर जान दे दी। रॉय बीमारी की वजह से पिछले 2 साल से ऑफिस नहीं जा रहे थे।
गोली लगने के बाद परिजन उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। खबर के अनुसार रॉय ने अपने मुंह पर रिवॉल्वर रखकर गोली मारी थी, जिसके चलते उनका बचना बेहद मुश्किल हो गया था।
2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस को सुलझाने और दाऊद की संपत्ति को जब्त करने के अभियान में उनकी प्रमुख भूमिका थी। इसके अलावा अंडरवर्ल्ड की कवरेज करने वाले चर्चित पत्रकार जे डे की हत्या की गुत्थी को भी उन्होंने सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय बीमारी के चलते 2016 से ऑफिस नहीं जा रहे थे। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि बीमारी के चलते वह लगातार डिप्रेशन में चल रहे थे। वह अपनी फिटनेस पर खासा ध्यान देते थे। एक सख्त अफसर के तौर पर पहचान रखने वाले रॉय के इस तरह से आत्महत्या करने के मामले ने सबको चौंका दिया है।
उनके घर में एक सूइसाइड नोट पाया गया है जिसमें रॉय ने लिखा है कि वह कैंसर से परेशान हो गए हैं, इसलिए अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। रॉय कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे थे। रॉय की आत्महत्या ने पुलिस समुदाय के स्तब्ध कर दिया है। रॉय ने मुंबई के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की और एक चार्टड अकाउंटेंट बने। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी बने।
इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उनकी मुलाकात भावना से हुई जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। भावना भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस) बनीं लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़ दी और महाराष्ट्र में स्वंयसेवी संस्थाओं के जरिए सामाजिक कार्य में लग गईं। रॉय ने अपना पुलिस करियर नासिक (ग्रामीण) व अहमदनगर पुलिस अधीक्षक के तौर पर शुरू किया था।
वह 26/11 मुंबई हमलों से पहले रेकी करने में संलिप्त रहे लश्कर ए तैयबा के आतंकी डेविड हेडली से जुड़े सुराग हासिल करने वाली टीम में भी शामिल रहे थे। उन्होंने आईपीएल सट्टेबाजी कांड की जांच का नेतृत्व भी किया था। इसके बाद उनका तबादला एटीएस में हो गया। आतंकवाद रोधी दस्ते का प्रमुख रहने के दौरान बांद्रा कुर्ला इलाके में एक अमेरिकी स्कूल को विस्फोट से उड़ाने की कथित साजिश रचने को लेकर सॉफ्टवेयर इंजिनियर अनीस अंसारी को उन्होंने गिरफ्तार किया था। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त एमएन सिंह ने उन्हें बहादुर और कड़ी मेहनत करने वाला अधिकारी बताया।
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