मुश्ताक खान/मुंबई। ओएलपीएस स्कूल द्वारा पूर्व छात्रों के सहयोग से 60वां स्थापना दिवस (हीरक जयंती) मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। करीब ढाई एकड़ में फैले चेंबूर के इस स्कूल में अमेरिका, लंदन, पैरिस, कनाडा और खाड़ी देशों में फैले ओएलपीएस के पूर्व छात्र इस समारोह का हिस्सा बनने व अपने सहपाठियों से रूबरू होने के लिए भारत आ रहे हैं।
7 जनवरी रविवार को होने वाले भव्य समारोह की शुरूआत अर्थशास्त्री अजीत रनाडे और देवदत्त पटनायक द्वारा किया जाएगा। वहीं इस समारोह का समापन रंगारंग कार्यक्रम से किया जाएगा। यह जानकारी स्कूल के मैनेजर फादर ग्रेगोरी नरोन्हा, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. श्रेणिक शाह, सचिव डॉ. कुमार स्वामी और महाराष्ट्र स्पोर्ट्स कमेटी के सक्रिय सदस्य ने दी है।
गौरतलब है कि चेंबूर के आवर लेडी ऑफ परपेचुअल सुकोर हाई स्कूल (ओएलपीएस) की स्थापना 1957 में हुई थी। इस लिहाज से यह वर्ष ओएलपीएस परिवार के लिए विशेष है। क्योंकि हीरक जयंती समारोह के बहाने अमेरिका, लंदन, पैरिस, कनाडा और खाड़ी देशों में कोई साइंटिस्ट है, तो कोई डॉक्टर, इंजीनियर और कोई इंटरनेट की दुनिया का बादशाह बन चुका है। इन सभी के मिलने का शुभ अवसर आ गया है।
1957 से अब तक लगभग 15,000 से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले ओएलपीएस का हीरक जयंती यानी की 60 साल पूरे हो गए हैं। यह जानकारी स्वूत्र्ल वेत्र् पोर्टलों से मिली है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के उपनगर चेंबूर की हरित व प्रकृति की सुंदर वादियों में सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। मौजूदा समय में इस स्कूल में करीब 5000 छात्र शिक्षारत हैं। ओएलपीएस की प्रधानार्चाय सिस्टर जेसिन्टा हैं।
हीरक जयंती समारोह के मौके पर पूर्व छात्र और उनके परिवार भी इस मौके पर देश विदेश से हिस्सा बनने आ रहे हैं, उन्हें स्कूल प्रबंधन की ओर से अपनी इच्छा व्यक्त करने का पूरा मौका दिया जाएगा। इस समारोह की शुरूआत राजनीतिक विश्लेषक और अर्थशास्त्री अजीत रानडे और देवदत्त पटनायक जैसे प्रख्यात ओएलपीएस के पूर्व छात्रों द्वारा प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर आधारित चार्चाओं से की जाएगी।
वहीं शाम को मनोरंजन समारोह ओलपीएस स्कूल के मैदान पर शंकर महादेवन, राम संपत, जॉनी लीवर, डैरेन दास और ब्रायन फर्नांडिस जैसे सितारों के प्रदर्शन होंगे। इस समारोह से अर्जित होने वाली राशि स्कूल प्रबंधन और पूर्व छात्र द्वारा विभिन्न टिकाऊ परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा जरूरतमंद छात्रों की शिक्षा पर खर्च होगा। इतना ही नहीं आर्थिक तंगियों से जूझ रहे छात्रों की मदद और सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए चिकित्सा सहायता आदि की जाएगी।
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