मुंबई। धारावी के पुनर्विकास का इंतजार कर रहे लोगों की प्रतीक्षा जल्द खत्म हो सकती है। एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के पुनर्विकास के लिए 40 विकासकों ने रूचि दिखाई। 535 एकड़ में फैली धारावी झोपड़पट्टी के पुनर्विकास के लिए सरकार ने ग्लोबल टेंडर जारी किया है। टेंडर के लिए सरकार ने न्यूनतम राशि 3,150 करोड़ रुपए तय की है। पुनर्विकास के तहत सरकार ने झोपड़पट्टी की जगह पर गगन चुंबी इमारत, मॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स और ऑफिस बनाने की योजना तैयार की है।
टेंडर के पूर्व विकासकों के साथ आयोजित बैठक में 40 से अधिक कंपनियां शामिल हुई। जिसमें रिलायंस, डीबी रियल्टी, लोढ़ा, बीजी. शिर्के, अदानी और ओंकार बिल्डर्स शामिल थे। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 29 दिसंबर को टेंडर खोला जाएगा। टेंडर खुलने के साथ ही पिछले कई वर्षों से धारावी की जगह आलिशान इमारत बनाने का सरकार का सपना साकार हो सकता है। धारावी पुनर्विकास के लिए इससे पहले भी 2 बार सरकार ग्लोबल टेंडर जारी कर चुकी है, जिसमें किसी ने रूचि नहीं दिखाई थी।
गौरतलब है कि धरावी में 2 लाख से अधिक झोपडियां है। साथ ही यहां छोटे- बड़े कई उद्योग की चलते हैं। धारावी के पुनर्विकास में कोई रूकावट न आए इसके लिए परियोजना को स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) का दर्जा दिया गया। धारावी के विकास को रफ्तार देने के लिए कई नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। जिसके तहत जमीन के आरक्षण में बदलाव करने का अधिकार भी धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण को दिया गया है।
एसपीवी इसके अलावा लोगों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित करने का भी काम करेगी। इसके एवज में एसपीवी के पास अधिकार रहेगा कि वह खाली पड़ी जमीन को अपने हिसाब से तय की गई दरों पर बाजार में बेच सकेगा। इससे पहले भी धारावी के पुनर्विकास के लिए धारावी को 5 सेक्टरों में बाटा गया था। इसमें से पांचवे सेक्टर के पुनर्विकास का जिम्मा म्हाडा को दिया गया था। म्हाडा ने 358 घर बना कर परियोजना की शुरुआत भी की थी।
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