संवाददाता/ मुंबई। मनपा का सबसे बड़ा एवं पुराना देवनार डंपिंग ग्राउंड (Deonar Dumping Ground) जल्द ही बंद होगा। राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (निरी) के सलाह के मुताबिक वैज्ञानिक पद्धति से डंपिंग ग्राउंड को बंद करने की कार्रवाई शुरू की जानी है। डंपिंग ग्राउंड को बंद कराने के लिए तकनीकी सलाह, निविदा तैयार करने, निविदा की जांच करने का काम ‘निरी’ के जरिए किया जाएगा। देवनार डंपिंग ग्राउंड बंद होने के बाद शिवाजी नगर, गोवंडी, देवनार व आस -पास के लोगों को दुर्गंध से छुटकारा मिल सकेगा।
देवनार डंपिंग ग्राउंड 120 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस डंपिंग ग्राउंड पर हर रोज लगभग 1200 मेट्रिक टन कचरा डंप किया जाता है। इसके अलावा कवर मटेरियल के रूप में लगभग 1300 मेट्रिक टन तक डेब्रिज भी लाया जाता है। डंपिंग ग्राउंड पर कचरा डंप करने का काम 24 घंटे पूरे साल चलता रहता है। हर रोज कचरा डंप करने की वजह से देवनार परिसर, ‘बीएआरसी’, गोवंडी, शिवाजीनगर, बैंगनवाड़ी, चेंबूर, घाटकोपर परिसर में रहने वालों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
जिसकी वजह से लोग विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित भी हैं। डंपिंग ग्राउंड की क्षमता पूरी हो गयी है। उच्च न्यायालय ने भी इसे बंद करने का आदेश दिया है, लेकिन पर्याय व्यवस्था नहीं होने की वजह से मनपा उच्च न्यायालय से कचरा डंप करने की अनुमति लेती रहती है। मुंबई उच्च न्यायालय आदेश के अनुपालन के तहत मनपा ने सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है। मनपा प्रशासन ने सलाह के लिए 1 करोड़ 84 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार कर स्थायी समिति के समक्ष पेश किया है।
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