मुंबई। कार्तिकी एकादशी के मौके पर दारू पूजा (Daru Pooja) का अनोखा पर्व चेंबूर के शमशान भूमि (Chembur Shamshan Bhumi) में धूम-धाम से मनाया गया। इस पूजा में बाबा भैरवनाथ को श्रद्धालुओं ने जमकर दारू और सिगरेट पिलाया। सिंधी समाज के लोगों द्वारा दारू पूजा की अनोखी रस्म निभाई गई। बता दें कि इस पर्व को सिर्फ मुंबई के चेंबूर में ही मनाया जाता है। इसकी शुरूआत करीब चालिस वर्ष पहले प्रीतमदास डी चेलानी ने किया था। उनके स्वर्गवास के बाद उनके भांजे रमेश लोहाना व समाज के अन्य लोगों ने इस परंपरा को अब भी कायम रखा है।
हर साल की तरह इस वर्ष भी कार्तिक मास के प्रारंभ में एकादशी के मौके पर बाबा भैरवनाथ की पूजा अर्चना की गई। चेंबूर के शमशान भूमि में श्रद्धालुओं ने बाबा भैरवनाथ को लाखों रुपये की शराब चढ़ाया। सिंधी समाज के लोगों का मानना है कि उनकी इस श्रद्धा से बाबा भैरवनाथ प्रसन्न होंगे। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि इस पर्व की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
इस पर्व को सिंधी समाज के लोग बड़े ही चाव से मनाते हैं। समाज में मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के प्रारंभ में एकादशी के दिन सूर्योदय के बाद अग्नि देवता के समक्ष धार्मिक ग्रंथों का पाठ, भजन, कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस दिन धर्म गुरू की अगुअई में समाज के बड़े बुजुर्ग, महिला- पुरूष व बच्चे भी पूजा पाठ में लीन रहते हैं।
बताया जाता है कि पूजा पाठ के बाद बाबा भैरवनाथ को शराब चढ़ाया गया। इसके बाद उसी शराब को लोगों ने प्रसाद की तरह चखा। इस दौरान भंडारा में करीब 6 हजार लोगों को शुद्ध शाकाहारी भोजना खिलाया गया। इसमें वर्तियों के लिए अलग से भोजन की व्यवस्था की गई थी।
उल्लेखनीय है कि इस पर्व की शुरूआत करीब चालिस वर्ष पहले प्रीतमदास चेलानी ने किया था, उनके देहांत के बाद चेलानी के भांजे रमेश लोहाना (Ramesh Lohana) व समाज के अन्य लोगों ने इस परंपरा को अब भी कायम रखा है। एसईओ एवं समिति के संस्थापक एवं अध्यक्ष रमेश लोहाना ने बताया कि कार्तिक मास के एकादशी के दिन ही सूर्योदय से इस पर्व की शुरूआत होती है, जो सूर्यास्त के बाद भी लगातार चलता रहता है।
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