मुंबई। लोगों की तरफ से नालों में लगातार कचरा फेंके जाने की शिकायतों के मद्देनजर क्लीनअप मार्शल की सहायता लेने पर विचार चल रहा है। मुंबई महानगरपालिका को उम्मीद है कि इस कदम से जनता को अनुशासित करने में मदद मिलेगी। वसूली को लेकर बदनाम क्लीनअप मार्शलों की झोपड़पट्टी इलाकों में गश्त बढ़ने पर विवाद में इजाफा होना तय है। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्देश दिए जाने बाकी हैं। अतिरिक्त आयुक्त विजय सिंघल ने कहा कि नालों के किनारे क्लीनअप मार्शल तैनात किए जाएंगे, जिससे नालों में फैल रही गंदगी पर लगाम लगेगी।
मुंबई उपनगर में लगभग हर जगह नालों पर तैरता हुआ कचरा देखने को मिलता है। नालों की तह में जमा कचरे से ज्यादा तैरता कचरा मुंबई की छवि को खराब करता है। लोग प्लास्टिक, सब्जी के अलावा, कुर्सी, सोफे तक इन नालों में फेंक देते हैं। जनता के इस व्यवहार के मद्देनजर 2 साल पहले नालों को ढकने का सुझाव सामने आया था। जिसके तहत, अब तक महज दो नालों के कुछ किलोमीटर हिस्से को ढकने का काम जारी है। हालांकि इस तरह पूरे उपनगर के बड़े गटर ढकने का इरादा जताया जा चुका है।
ज्यादातर नालों के आस-पास झोपड़पट्टियां बसी हुई हैं। स्थानीय लोग अक्सर खुले नालों में कचरा फेंक देते हैं। इसी वजह से नालों के किनारे क्लीनअप मार्शल तैनात किए जाने हैं। हालांकि जगह-जगह से जनता मार्शल की उगाही की शिकायतें करती रही है, इसलिए आने वाले दिनों में यह विवाद फिर बढ़ने की उम्मीद है। दरअसल, मार्शल को लोगों को पहले शिक्षित करना होता है, फिर जुर्माना लेने का निर्देश है। लेकिन कमीशन पर काम करने वाले ज्यादातर मार्शल कोई भी मौका हाथ से छोड़ने को तैयार नहीं रहते।
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