चरम पर है वाशीनाका में ‘चिकन’ वार

सब्जियों के भाव चिकन खाउ

मुश्ताक खान/ मुंबई। करीब दो माह से वाशीनाका (Vashinaka) क्षेत्र में चिकन की कीमतों को लेकर दो गुटों में वार चल रहा है। इनमें एक गुट थोक विक्रेता है वहीं दूसरे खुदरा व्यापारी हैं, जो बॉयलर चिकन बेचते हैं। इन दोनों के झगड़े में चिकन प्रेमियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। यानी तकरीबन सब्जियों के भाव चिकन खाउ, इसे लेकर वाशीनाका के चिकन प्रेमी तरह तरह के पकवानों का जायका ले रहे हैं। वहीं खुदरा व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में खुदरा व्यापारियों ने मनपा के हेल्थ विभाग, स्थानीय पुलिस व मंत्रालय में लिखित शिकायत की है। ताकि विभाग द्वारा कोई विकल्प निकाला जा सके।

मिली जानकारी के अनुसार वाशीनाका परीसर में कुल 28 चिकन की दुकानें हैं। इन दुकानों में जिंदा मुर्गी के अलावा काट कर भी बेची जाती है। लेकिन कुल 28 दुकानों में से मात्र 4 से 6 दुकानदारों से पास ही मनपा का लाइसेंस है। बाकी की दुकानें मनपा के स्वास्थ्य विभाग व लाइसेंस डिपार्टमेंट की मिली भगत से चल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार चिकन की सभी दुकानों से मनपा के दोनों विभागों को मोटी रकम बतौर हफ्ता जाता है। बहरहाल करीब दो माह से वाशीनाका परिसर में थोक विक्रेता व खुदरा व्यापारियों में कीमत को लेकर वार चल रहा है। थोक विक्रेता द्वारा मात्र 100 प्रति किलोग्राम बॉयलर चिकन बेचा जा रहा है।

वहीं खुदरा व्यापारी 160 से 180 रूपये प्रति किलोग्राम चिकन बेच रहे हैं। बता दें की प्रति किलोग्राम में भारी अंतर के कारण खुदरा व्यापारियों को काफी नुकसान का समाना करना पड़ रहा था। इसे लेकर व्यापारियों ने मनपा के हेल्थ विभाग, लाइसेंस विभाग, स्थानीय पुलिस, फायर डिपार्टमेंट, मंत्रालय और संबंधित विभागों में लिखित शिकायत की थी। परिणाम स्वरूप मंगलवार को मनपा के लाइसेंस विभाग द्वारा कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में मनपा के अधिकारियों ने बिना लाइसेंस चल रहे चिकन की दुकानों से 2500 रूपये जुर्माना वसूला और कुछ जिंदा चिकन भी उठाकर ले गए।

गौरतलब है की बारामती, नासिक, पुणे और नगर आदि क्षेत्रों के फार्म हाउस से आने वाले बॉयलर चिकन (Boiler Chicken) (मुर्गी) की बढ़ती मांग को देखते हुए वाशीनाका सहित पूरे मुंबई में धड़ल्ले से चिकन की दुकानें बिना मनपा की अनुमति व बगैर लाइसेंस के खुलते जा रहे हैं। अब इन दुकानों में सप्लाई को लेकर थोक विक्रेताओं के साथ-साथ खुदरा व्यापारियों में भी कीमत को लेकर वार शुरू हो गया है। इनमें एक थोक विक्रेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की उपरोक्त स्थानों से मुंबई तक बॉयलर चिकन लाकर बेचने में मूलधन करीब 140 रूपये प्रति किलोग्रम हो जाता है। इससे कम में बेचने से मुझे नुकसान होगा।

क्योंकि 3 से पांच घंटे के सफर में कई चेक नाकों व पुलिस से निपटना पड़ता है। इसके अलावा इस अवधि में बॉयलर चिकन के वजन में भी कमी आती है, इनमें कुछ मुर्गियां मर भी हैं। उनके अनुसार मुंबई में कम से कम 160 रूपये प्रति किलोग्राम से कम में बेचना घाटे का सौदा है। वहीं 7 सीज के मालिक आर आर पांडियन का कहना है की मैं कम मुनाफे पर बॉयलर चिकन की सप्लाई करता हूं। ताकि शहर से दूर फार्म हाउस के वालों को अधिक मुनाफा पहुंचाया जा सके। पांडियन ने बताया की बॉयलर चिकन का कारोबार कच्चा है। इसमें वजन कम होना, मुर्गियों की मौत होना और अगर सेम डे माल नहीं बिका तो उसके रख रखाव की भी जिम्मेदारिया बढ़ जाती है। उन्होंने कहा की इन सबके बावजूद हमारी कोशिश यह है कि फार्म हाउस के किसानों को मुनाफा होना चाहिए। ताकि भविष्य में कर्ज के बोझ तले कोई किसान आत्महत्या जैसा कदम न उठाए।

 744 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *