संवाददाता/ मुंबई। सूर्योपासना का महापर्व छठ शनिवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देने के साथ श्रद्धा के साथ मनाया गया। डूबते सूर्य को आस्था का अर्ध्य देने के लिए सागर तट के साथ मुंबई और इसके आस पास के शहरों में श्रद्धा का महाकुंभ देखने को मिला। तीन दिन पहले ‘नहाय-खायके’ और उसके बाद ‘खरना’ के व्रत के साथ शुरू हुआ छठ महोत्सव डूबते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व चरम पर पहुंच गया।
रविवार को सूर्योदय के साथ उषाकाल का अर्ध्य देने के साथ ही व्रत का समापन हो जाएगा। जुहू और मालाड के मार्वे समुद्र तट पर उमड़ा जनसैलाब आस्था का महाकुंभ बन गया। लोगों की भीड़ पूजा सामग्री सिर पर रख कर सागर, नदी तथा अपने पास के तालाबों के किनारे पूजा आयोजन स्थल पर बढ़ रही थी।
महिलाओं ने घर से लेकर पूजा स्थल तक छठ पूजा के गीत गाते हुए छठ माता की विधि विधान से पूजा कर घर परिवार की कुशलता की मनौती मांगी। मुंबई में लाखों की संख्या में रहने वाले छठ व्रतियों का मुख्य जमावड़ा जुहु के सागर तट पर उमड़ा। अनुमान के अनुसार यहां तीन से चार लाख लोगों ने आस्था का अर्ध्य दिया। प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छठ व्रतियों के बीच पहुंचकर पूजन प्रक्रिया का जायजा लिया।
जुहु चौपाटी के अलावा आस-पास के उप नगरों में रहने वाले लाखों छठ व्रतियों ने दादर, मार्वे, अक्सा, गोराई सागर तट पर डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया। सभी छठ पूजा स्थलों पर जुटने वाली भीड़ के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मनपा प्रशासन तथा मुंबई पुलिस ने छठ महोत्सव में उमड़ने वाली लाखों भीड़ के मद्दे नजर सभी आयोजन स्थलों पर व्यापक नजर रखी। आपातकाल के लिए लाइफ गार्ड्स के साथ नौका तैनात की गयी थी।
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