एचपीसीएल के 5 किलो एलपीजी के खिलाफ
मुश्ताक खान/ मुंबई। घाटे से जूझ रहे पुणे-चाकन एलपीजी (Pune- Chakan LPG) के डीलरों के धरना प्रदर्शन से बौखलाए एचपीसीएल (HPCL) के अधिकारी अब समझौते के मूड में हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि धरना -प्रदर्शन की आग की लपटें मुंबई सहित पूरे राज्य और देश में फैल सकती है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 14.2 किलो ग्राम के एलपीजी सिलेंडर की तुलना में 5 कि. ग्राम के इस सिलेंडर की कीमत दो गुणी होने के कारण बाजार में इसके खरीददारों की संख्या न के बराबर है।
मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में एचपीसीएल के पुणे एलपीजी क्षेत्रीय कार्यालय, चाकन एलपीजी बॉटलिंग प्लांट (Chakan LPG Bottling Plant) में डीलरों द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन की आग मुंबई में भी सुलग रही है। क्योंकि यहां के डीलरों को एक तरफ एचपीसीएल के अधिकारी और दूसरी तरफ राशनिंग विभाग के अधिकारियों द्वारा 5 किलोग्राम का व्यवसायिक एलपीजी सिलेंडरों को बेचने के लिए दोहरा दबाव डाला जा रहा है।
इसके लिए मुंबई के एल यू गडकरी भराई संयंत्र के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक शिल्पा मेसराम ने बताया कि एलपीजी सिलेंडरों की कीमत हाई कमान द्वारा तय किया जाता है। इसके अलावा उज्जवला योजना के तहत इसकी सप्लाई की जाती है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि एचपी द्वारा राशनिंग विभाग के अधिकारियों को मोहरा बनाया गया है। ताकि अपना टारगेट पूरा कर प्रमोशन लिया जा सके। एचपीसीएल के एलपीजी अधिकारियों की नीतियों से परेशान मुंबई सहित राज्य के अन्य डीलरों में कानाफुसी चल रही है। कयास लगाया जा रहा है कि चाकन की तरह मुंबई में भी कभी भी अधिकारियों के खिलाफ धरना -प्रदर्शन हो सकता है।
ऐसे में अगर मुंबई में 5 किलोग्राम के व्यवसायिक सिलेंडरों को लेकर धरना प्रदर्शन हुआ तो यह आग पूरे राज्य और देश में फैल सकती है। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को सफल बनाने के लिए 5 किलोग्राम का छोटा एलपीजी गैस बनाया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई के एल यू गडकरी भराई संयंत्र में 5 किलोग्राम के व्यवसायिक सिलेंडरों में एलपीजी गैस भरने की उचित व्यवस्था नहीं है।
इसके बावजूद विस्फोटक के नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों द्वारा 5 किलो ग्राम के सिलेंडरों की धड़ल्ले से भराई कराई जा रही है। इतना ही नहीं इन सिलेंडरों को बाजार में बेचने के लिए एलपीजी के डीलरों को मजबूर भी किया जा रहा है। लेकिन 14.2 किलो ग्राम के एलपीजी सिलेंडर की तुलना में 5 कि. ग्राम के इस सिलेंडर की कीमत दोगुनी होने के कारण बाजार में इसके खरीदारों की संख्या न के बराबर है। 5 किलोग्राम के व्यवसायिक सिलेंडरों से लगातार हो रहे नुकसान से परेशान एलपीजी के डीलर अब बगावत के मूड में हैं।
कयास लगाया जा रहा है कि चाकन की तरह मुंबई में भी डीलर व भराई करने वाले कर्मचारी धरना -प्रदर्शन कर सकते हैं। क्योंकि विस्फोटक व अन्य सरकारी नियमों को ताक पर रखकर एचपीसीएल के अधिकारियों द्वारा एलपीजी प्लांट में कर्मचारियों से ५ किलोग्राम के व्यवसायिक छोटे सिलेंडरो को जबरन भरवाया जा रहा है। अनहोनी को आमंत्रण करते अधिकारियों के कारण इस प्लांट में कभी भी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर कोई हादसा होता है तो बड़े पैमाने पर सरकारी व निजी लोगों को नुकसान हो सकता है। इसका जिम्मेदार कौन?
चाकन में क्यों हुआ प्रदर्शन
पुणे के चाकन एलपीजी भराई संयंत्र के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीनिवास राव नल्ली ने 5 किलोग्राम का व्यवसायिक एलपीजी सिलेंडरों की खपत बढ़ाने का फरमान जारी किया था। उनके आदेश पर सेल्स अधिकारी चित्रा नायर 5 किलोग्राम के सिलेंडरों को बेचने के लिए डीलरों पर दबाव डाल रहीं थीं। जबकि महंगा होने के कारण बाजार में इसके खरीददारों का भारी अभाव है।
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