A 2 Z कंपनी की हेराफेरी का पर्दाफाश
मुश्ताक खान/ मुंबई। मध्य रेलवे के ठेका सफाईकर्मियों ने A 2 Z इंफ़्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की प्रताड़ना व दादागिरी से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है। इस सबंध में महिला एवं पुरूष सफाई कर्मियों ने पत्र लिखकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री विद्यासागर राव, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुंबई रेलखंड के महाप्रबंधक श्री डी के शर्मा, डीआरएम श्री ए के जैन और सेंट्रल रेलवे कांट्रेक्टर लेबर संघ को पत्र दिया है। क्योंकि उनके न्यूनतम वेतन में कटौती और पीएफ में भी A 2 Z कंपनी द्वारा हेरा-फेरी की जा रही है।
मौलिक अधिकारों से वंचित मध्य रेलवे के मुंबई खंड में कार्यरत करीब चार से पांच हजार ठेका सफाईकर्मियों ने A 2 Z इंफ़्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के काले करतूतों का भांडा फोड़ना शुरू कर दिया है। ताकि भारत सरकार के रेल मंत्रालय व मध्य रेलवे के आला अधिकारियों को A 2 Z की असलियत का पता चल सके। सेंट्रल रेलवे कॉन्ट्रैक्ट लेबर संघ (सीआरसीएलएस) के सहायक सचिव जगदीश आचार्य, राजेंद्र सतपुते, रमेश अवचारे, असगर अली, संकेत कांबले और सचिन उबाले ने बताया कि ऑन बोर्ड हाउसकिपिंग सर्विस (OBHS) में सफाई कर्मियों को दर्जनभर परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
इसके बाद भी सुपरवाईजरों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि मध्य रेलवे कि मुंबई डिविजन में कुर्ला का लोकमान्य तिलक टर्मिनल (एलटीटी) मुख्य है। एलटीटी में महिला एवं पुरूष सफाई कर्मियों की संखया एक हजार से अधिक है। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसटीएम), मझगांव, दादर, वाड़ीबंदर और पुणे भी इसी विभाग में आता है। इन सभी स्टेशनों की साफ सफाई का ठेका A 2 Z इंफ़्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है और उक्त कंपनी द्वारा सफाई कर्मियों को तैनात किया गया है। इनमें पुरूषो के साथ महिला सफाई कर्मियों का समावेश है।
इस कंपनी द्वारा सुविधा तो दूर कि बात है गरीब मजदूरों की गाढ़ी कमाई में भी बंदरबांट की जाती है। सफाईकर्मियों के वेतन में कटौती, पीएफ नहीं भरने का मामला, प्राथमिकी उपचार के अभाव आदि संकटों से जूझते मजदूरों ने सबंधित विभागों से न्याय की गुहार लगाई है। मजदूरों की मांग हैं कि उपरोक्त मामले की निष्पक्ष जांच कर A 2 Z नामक कंपनी की जांच कर इसे काली सूची में डाल देना चाहिए। ताकि भविष्य में कोई भी ठेका कंपनी मजदूरों का खून न चुसे।
A 2 Z इंफ्रा का रवैया
इस कंपनी में ड्यूटी की समय सीमा नहीं है। काम के समय कोई सुरक्षा कवच नहीं दिया जाता अलबत्ता फिनायल, हार्पिक आदि सफाई करने वाली वस्तुओं में भारी कटौती की जाती है। परिणाम स्वरूप ट्रेन के अंदर डब्बों की सफाई ठीक से नहीं होने के कारण यात्रियों की बाते और गाली भी सुननी पड़ती है। ड्यूटी के दौरान हमें कोई ब्रेक नहीं दी जाती, एक गाड़ी से उतरते ही साईड इंचार्ज द्वारा दूसरी गाड़ी पर जबरन भेजा जाता है। ऐसे में थकान या तबीयत खराब की बात सामने आने पर पगार काट लिया जाता है। सफाई कर्मियों का आरोप है कि इस कंपनी में सर दर्द या पेट दर्द की दवा तक नहीं मिलती।
पीएफ का मामलाः
A 2 Z इंफ्रासर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सफाईकर्मियों के वेतन से पैसा काटा गया, लेकिन उसका ब्योरा इन्हें नहीं दिया जाता। हाल के दिनों में चंद कर्मचारियों को पीएफ नंबर दिया गया था। उक्त नंबर की जांच करने पर कोई परिणाम सामने नहीं आता। इससे पता चलता है कि A 2 Z कंपनी कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है।
एरीयर वेतन का मामला :
पिछले बढ़े हुए वेतन का मामला कुछ इस प्रकार है। काफी हो हल्ला होने के बाद कंपनी ने यहां कार्यरत सफाई कर्मचारियां का बैंक डिटेल और आधार कार्ड मांगा। सही नाम और डिटेल्स देने के बाद भी अनपढ़ साईड इंचार्ज द्वारा लगभग सभी के नाम या उपनामों में गलत तरीके से भरा था। बहरहाल एरीयर का चेक चंद कर्मचारियों को कंपनी ने दिया। लेकिन नाम गलत होने के कारण लगभग सभी चेक बैंक ने वापस कर दिया। अब यह पैसा कब और कैसे मिलेगा, इसे राम भोरोसे छोड़ा गया है। सफाई कर्मचारियों ने कंपनी के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि हमारे वेतन में से कटौती कर इन लोगों ने चेंबूर के तिलकनगर में करोड़ों का फ्लैट खरीदा है।
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