साभार/ मुंबई। अगर आप महानगरपालिका, नगरपरिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति का चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो आपको शपथ-पत्र देकर बताना अनिवार्य होगा कि आप चुनाव लड़ रहे तो आपके आय का स्रोत क्या है? आप पर कितने लोग आश्रित है और उनकी आय का क्या स्रोत है। अगर आपने पहले भी कोई चुनाव लड़ा है, तो उसकी भी जानकारी देनी होगी। राज्य चुनाव आयुक्त जेएस सहारिया ने बताया कि आने वाले दिनों में होने वाले चुनावों में ये नए नियम लागू किए जाएंगे।
दरअसल, 16 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देश के बाद चुनाव आयोग शपथ पत्र में बदलाव कर रहा है। शनिवार को राज्य चुनाव आयुक्त जेएस सहारिया ने बताया कि महानगरपालिका, नगरपरिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन पत्र के साथ एक शपथ-पत्र भी देना होता है। उस शपथ पत्र में उम्मीदवारों को संपत्ति, देनदारी, शैक्षणिक योग्यता और आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होती है।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों को अपने और खुद पर आश्रित लोगों के आय के स्रोत और उस बाबत पिछले तीन वर्षों का विवरण पेश करना होगा। इसमें खेती, नौकरी, व्यापार, पूंजीगत लाभ, पुरस्कार और अन्य तरीके से हुए आय की जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही सरकारी, अर्ध सरकारी, स्थानीय निकाय संस्था, सहकारी संस्था आदि के साथ हुए किसी तरह के करार की भी जानकारी देना अनिवार्य होगा।
राज्य चुनाव आयुक्त सहारिया के अनुसार, यदि उम्मीदवार ने पहले भी चुनाव लड़ा है, तो उस वक्त चुनाव आयोग को दी गई जानकारी इस बार भी शपथ-पत्र में देनी होगी। इसके पहले लड़े चुनाव का नाम, चुनाव के वर्ष, उस वक्त घोषित संपत्ति, देनदारी आदि जानकारी का समावेश करना होगा और चुनाव जीत कर आने के बाद संबंधित स्थानीय स्वराज संस्था के विकास के लिए क्या-क्या किया, इसका विवरण भी अधिकतम 500 शब्दों में लिख कर देना होगा।
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