मुंबई। संजोना डिवेलपर्स के मालिक और मशहूर बिल्डर संजय अग्रवाल ने गुरुवार को चेंबूर के सिद्धि कॉलोनी परिसर स्थित अपने घर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनकी खुदकुशी की खबर जंगल में आग की तरह फैलते ही मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंच गए। बताया जा रहा है कि चेंबूर के 10वें रोड के प्रॉजेक्ट में करोड़ों रुपये अटके होने की वजह से संजय परेशान चल रहे थे। गुरुवार दोपहर लगभग 11:30 बजे जब घर में कोई नहीं था, उस दौरान उन्होंने घर में रखे लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने घर की छानबीन की, तो वहां से कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला।
संजय के शव का पंचनामा कर उसे राजावाड़ी अस्पताल भेजकर चेंबूर पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच कई कोणों से की जा रही है। हालांकि इस बारे में जांच प्रक्रिया का हवाला देकर जोनल पुलिस अभी कुछ भी कहने से मना कर रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि किसी भी तरह की कमी नहीं होने के बावजूद आखिर संजय ने यह कदम क्यों उठाया।
पुलिस और परिजन से मिली जानकारी के मुताबिक, असंजय चेंबूर के सिद्धि कॉलोनी परिसर में परिवार समेत रहते थे। वह पिछले 20 साल से अग्रवाल केमिकल इंडस्ट्री चला रहे थे। इसके अलावा, उनकी केमिकल कंपनी न्यू केम इंडस्ट्रीज मुंबई सहित आसपास की कई फार्मास्यूटिकल कंपनियों को केमिकल मुहैया करती है। केमिकल इंडस्ट्री में मुकाम पाने के बाद उन्होंने 1999 में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में कदम रखा। इसके लिए इन्होंने मशहूर बिल्डर सुनील गुप्ता के साथ मिलकर संजोना डिवेलपर के नाम से एक कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई। इस कंपनी के मुंबई में कई प्रॉजेक्ट चल रहे हैं।
क्रेडाई, एमसीएचआई के अध्यक्ष नयन शाह ने इस घटना के बारे में कहा, ‘बिल्डर संजय अग्रवाल की खुदकुशी की खबर से हम बहुत दुखी हैं। मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि चेंबूर प्रॉजेक्ट में हो रही देरी की वजह से उन्होंने जान दी है। प्रॉजेक्ट बनाने और ग्राहकों को पजेशन देने में विभिन्न सरकारी विभागों से आदेश और रेरा कानून आने से लेटलतीफी हो रही है। ऐसे हालात लगभग सभी बिल्डरों के साथ हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, ताकि गृह निर्माण कार्य में संतुलन बनी रहे।’
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