मुंबई। ट्रैफिक पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि उनके पास ट्रैफिक पुलिस में करप्शन को रोकने के लिए क्या योजना है। हाईकोर्ट ने कहा कि वाहन चालकों से लिए जाने वाली रिश्वत को रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाने की जरुरत है।
इस बारे में मुंबई ट्रैफिक पुलिस के सह -आयुक्त को तीन सप्ताह के अंदर जवाब देने के निर्देश दिए हैं। ट्रैफिक पुलिस में व्याप्त करप्शन को लेकर हेड कांस्टेबल सुनील टोके की याचिका पर हाई कोर्ट ने गंभीर संज्ञान लेते हुए, इसे जनहित याचिका में बदलने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति आर. एम. सावंत व साधना जाधव की खंडपीठ ने कहा कि टोके ने जो करप्शन का मुद्दा उठाया है, उसे आम लोगों के हक में बड़े स्तर पर चर्चा किए जाने की जरुरत है।
पुलिस कांस्टेबल सुनील टोके ने ट्रैफिक पुलिस में चल रहे करप्शन का पर्दाफाश करने के लिए सबूत के तौर पर ऑडियो-वीडियो की सीडी कोर्ट में पेश की है। टोके का आरोप है कि करप्शन के मामले में लगभग सारे कर्मचारी शामिल हैं और सभी को उनका हिस्सा मिलता है। करप्शन के लिए रेट कार्ड भी तय किया गया है, जिसमें आरोप के हिसाब से वसूली की जाती है।
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