साभार/ मुंबई। मनपा की होर्डिंग लगाने को लेकर बंबई उच्च न्यायालय में खूब फजीहत हुई है। मनपा की तरफ से ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र कन्वर्जेन्स कॉन्क्लेव’ को लेकर एक होर्डिंग लगाया गया था, जिसमें रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हैं। मनपा ने बांद्रा में 90×20 फीट का एक होर्डिंग लगाई थी, जबकि मनपा की तरफ से दशकों से इस आधार पर होर्डिंग को हटवाया जा रहा था कि 40×40 फीट से अधिक होर्डिंग लगाने की अनुमति नहीं है। मनपा के होर्डिंग के खिलाफ उच्च न्यायलय में एक याचिका दायर की गई थी।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति गौतम पटेल के समक्ष हुई। याचिका में कहा गया था कि जब मनपा खुद ऐसे होर्डिंग को अवैध बताती है, तब ऐसे में वह सरकारी होर्डिंग को कैसे लगा सकती है। इस पर मनपा ने दावा किया कि उसे महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम की तरफ से एक ईमेल आया था, उसी की अनुपालन करते हुए लगाया गया है।
साथ ही मनपा की एक नीति है, जिसमें उसे सालभर में 15 दिन मुफ्त में निजी होर्डिंग के उपयोग की अनुमति है। मनपा के दावे को उच्च न्यायालय ने विरोधाभास बताया और कहा कि कैसे मनपा बिना लाइसेंस के उपयोग कर सकती है। न्यायमूर्ति ने कहा कि मनपा अवैध होर्डिंग का उपयोग खुद के लिए कर रही है, इसका मतलब होता है कि या तो होर्डिंग अवैध नहीं है, या फिर सरकार और मनपा मिलकर गैरकानूनी होर्डिंग को अनुमति दे रही है।
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