HC ने दिए दाभोलकर-पानसरे मर्डर केस की जांच के आदेश

मुंबई। दाभोलकर-पानसरे मर्डर केस को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई और महाराष्ट्र सीआईडी को खरी-खरी सुनाई है। अदालत ने दोनों जांच एजेंसियों को कहा है कि वह केवल गौरी लंकेश हत्याकांड से हुए खुलासे पर ही भरोसा न करें, बल्कि तर्कवादी नेता नरेंद्र दाभोलकर और वामपंथी नेता गोविंद पानसरे की हत्याओं की स्वतंत्र रूप से जांच करें। बता दें कि दाभोलकर की साल 2013 में पूणे में और पानसरे की साल 2015 में कोल्हापुर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक ने महाराष्ट्र सीआईडी की एसआईटी की प्रगति रिपोर्ट पर कहा, ‘पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कर्नाटक के अधिकारियों ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है ताकि पानसरे मामले में फरार आरोपियों का पता चल सके। पिछली सुनवाई में भी यही बात कही गई थी।’

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों जांच एजेंसियों से कहा, ‘आप एक अन्य मामले के आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन एसआईटी की प्रगति रिपोर्ट में यह उजागर नहीं होता कि भगोड़े आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कौन से वास्तविक कदम उठाए।’ अदालत ने कहा, ‘आप एक दूसरे मामले में आरोपियों के रहस्योद्घाटन पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर सकते। यह कब तक चलता रहेगा?’

अदालत ने कहा, ‘आपको एक स्वतंत्र जांच करनी होगी, स्वतंत्र सामग्री जुटानी होगी, खासकर इसलिए कि महाराष्ट्र में दाभोलकर और पानसरे की हत्याएं कर्नाटक के अपराध से पहले हुई हैं।’ बता दें 20 अगस्त, 2013 को दाभोलकर जब पुणे में सुबह की सैर कर रहे थे, तब उनकी हत्या की गई थी। वहीं पानसरे को 16 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर में गोली मारी गई थी। उनकी मौत 20 फरवरी को इलाज के दौरान हुई थी।

 


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