मुंबई। किसी भी बीमारी का समय पर पता न चलने से न केवल इलाज में दिक्कत आती है, बल्कि मरीज की परेशानियां भी बढ़ती हैं। ऐसे में, समय रहते टीबी के अधिक से अधिक मरीजों को शुरुआती स्तर पर ढूंढने के लिए मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (मनपा) ने 7 लाख लोगों की जांच करने का लक्ष्य रखा है। जांच के दौरान संभावित टीबी मरीजों की जांच कर उन्हें तुरंत दवाइयां देनी शुरू की जाएंगी।
मनपा के टीबी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सभी 24 वॉर्ड्स में जाकर टीबी मरीजों को ढूंढा जाएगा। इसके लिए 7 लाख लोगों की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य रखा गया है। जांच के दौरान किसी भी इंसान में टीबी के लक्षण दिखने पर उसे एक्स-रे और बलगम जांच के लिए एक डिबिया दी जाएगी।
बाउचर पाने वाले मरीज पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर नि:शुल्क जांच करा सकते हैं। जांच में अगर टीबी के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत उसकी दवा शुरू की जाएगी। इसके लिए 24 वॉर्डस से 200 से अधिक स्थानों का चुनाव किया गया है, जहां जाकर विभाग की टीम टीबी के मरीजों को ढूंढेंगे।
विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई में पिछले साल 40 हजार से अधिक टीबी मरीज पंजीकृत हुए थे। इसमें से अधिकतर मामले गोवंडी, कुर्ला, अंधेरी, बांद्रा इत्यादि इलाकों से थे। नए मरीजों की तलाशी के अभियान के दौरान विभाग को इन इलाकों में अधिक मरीज होने की आशंका है। इस कारण सबसे अधिक स्क्रीनिंग इन इलाकों में करने का लक्ष्य रखा गया है। मिली जानकारी के अनुसार, गोवंडी में 56, कुर्ला 32, अंधेरी में 39 हजार लोगों की जांच की जाएगी।
मनपा टीबी विभाग की प्रमुख डॉक्टर दक्षा शाह ने बताया कि हर साल टीबी के मरीजों को ढूंढने के लिए घर-घर जाकर सर्वे किया जाता है। पिछले साल चलाए गए व्यापक अभियान के दौरान 125 नए मरीज सामने आए थे, जिन्हें उपचार दिया जा रहा है। पिछले साल अगस्त और जनवरी में चलाए गए मुहिम के दौरान 24 वार्ड्स में 10 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई थी। इसमें 2272 लोग संदिग्ध पाए गए, जो अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। एक्स-रे और थूक की जांच के बाद 125 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई थी।
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