मुंबई। महानगरपालिका (BMC) में सत्तारूढ़ शिवसेना -भाजपा (Shivsena- BJP) के नगरसेवक लाचार हैं। गली से लेकर दिल्ली तक सरकार होने के बावजूद मनपा के अधिकारी सेना -भाजपा नगरसेवकों की नहीं सुनते हैं, उनके पत्रों का उत्तर नहीं देते हैं। सोमवार को मनपा सभागृह में नगरसेवकों ने अपनी व्यथा गिनाते हुए अपनी लाचारी का सबूत दिया।
मनपा सदन की कार्यवाही के दौरान शिवसेना नगरसेवक (Shivsena Corporator) एवं सुधार समिति के पूर्व अध्यक्ष अनंत (बाला) नर ने अधिकारियों की मनमानी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मनपा एक्ट में दिए गए अधिकारों के तहत नगरसेवक सवाल उठाते हैं लेकिन अधिकारी उन्हें गुमराह करते हैं। जिसकी वजह से लोगों को विभिन्न तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है और नगरसेवकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
नर के मुद्दे का समर्थन सभागृह में अनेक नगरसेवकों ने किया। विधि समिति की अध्यक्ष शीतल म्हात्रे ने कहा कि अधिकारी नगरसेवकों के पत्रों का उत्तर नहीं देते हैं। संयुक्त बैठक के लिए समय नहीं देते हैं, यदि नगरसेवक उत्तर के लिए दबाव डालते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाता है। भाजपा की नगरसेविका नेहल शाह, शिवसेना की किशोरी पेडणेकर सहित अन्य नगरसेवकों ने मनपा अधिकारियों पर नगरसेवकों की अनदेखी का आरोप लगाया।
भाजपा के श्रीनिवास त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी दुर्घटना होने या असुविधा के लिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराते हुए महापौर व अन्य पदाधिकारियों से इस्तीफा मांगा जाता है, लेकिन अधिकारियों से कोई किसी तरह का सवाल नहीं पूछता है, जबकि सही मायने में अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। त्रिपाठी ने कहा कि सहायक आयुक्त से लेकर आयुक्त तक सभी अधिकारी नगरसेवकों की अनदेखी करते हैं ऐसे अधिकारियों को सबक सिखाने की जरुरत है। राकां की डॉ.सईदा खान ने कहा कि जब सत्तारूढ़ दल के नगरसेवकों का काम नहीं होता है तो विपक्ष के नगरसेवकों का काम कैसे होता होगा यह सोचना जरुरी है।
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