मुंबई। कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार पावरलूम उद्योग से मिलता है। लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण भिवंडी का पावरलूम उद्योग दम तोड़ रहा है। वहीं इससे जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर हैं। यह बात समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने विधानसभा में कही। स्थगन के माध्यम से भिवंडी के पावरलूम का मुद्दा आजमी ने उठाया और बताया कि एक तरह देश मे 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया जाता है और विदेश से यहां के उद्योग में निवेश करने को कहा जाता है।
वहीं दूसरी तरफ भिवंडी का पावरलूम उद्योग आज खस्ताहालत में है। पावरलूम बंद हो रहे हैं और लोग बेरोजगार होते जा रहे हैं और पावरलूम को भंगार में बेचा जा रहा है। आजमी ने बताया कि बिजली का बिल इतना अधिक है कि पावरलूम चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में बुनकरों को किसान का दर्जा मिला है और उन्हें एक पावरलूम पर मात्र 72 रुपये बिजली बिल देना पड़ता है, जबकि भिवंडी में पावरलूम के संचालकों से 1800 रुपये तक बिजली का बिल वसूला जाता है।
उन्होंने बताया कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद पावरलूम उद्योग को काफी अधिक नुकसान हुआ।पावरलूम के बंद होने से लाखों लूम मजदूरों के सामने बेरोजगारी और भूखमरी का संकट आ गया है। आजमी ने मांग की है कि सरकार एक कमेटी बनाये और पावरलूम से जुड़े लोगों को इसमें शामिल किया जाए। उन्होंने मांग की, की सरकार भिवंडी के पावरलूम उद्योग को बचाने के लिए गंभीरता से विचार करे और आवश्यक कदम उठाए।
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