मुंबई। मुंबई में बेस्ट बसों की हड़ताल तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी है। बस ड्राइवर और कंडक्टर डिपो के बाहर इकट्ठा तो हैं लेकिन उन्होंने मांगें न पूरी होने के चलते काम पर न जाने का फैसला किया है। उन्होंने हाजिरी रजिस्टर पर साइन भी नहीं किए। मुंबई के 27 डिपो में एक भी बस बाहर नहीं गई। हड़ताल को देखते हुए गुरुवार को भी हार्बर लाइन में अतिरिक्त ट्रेन सुविधा चलाई जा रही है।
बेस्ट प्रशासन की कड़ी चेतावनी के बावजूद कर्मचारी अपनी हड़ताल पर अडिग हैं। बता दें कि बेस्ट प्रशासन ने बुधवार को 300 कर्मचारियों पर मेस्मा (महाराष्ट्र एसेंशल सर्विसेस मेंटिनेंस ऐक्ट) लागू किया और 2000 कर्मचारियों को स्टाफ क्वॉर्टर खाली करने का आदेश दिया। यूनियन ने वडाला डिपो तक एक बड़ा मोर्चा निकालने का फैसला किया है।
यूनियन नेता शशांक राव ने कहा कि बेस्ट स्टाफ क्वॉर्टर की महिला निवासी वडाला डिपो तक 11 बजे मोर्चा निकालेंगी। इससे पहले प्रशासन द्वारा मेस्मा लगाने के बावजूद बेस्ट परिवहन की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही। बुधवार को दिन भर में केवल 11 बसें चलीं। शिवसेना की हड़ताल समाप्त करने की घोषणा करने के बावजूद कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
दिन भर कर्मचारी संगठनों, राजनीतिक पार्टियों और प्रशासन के बीच बैठकें चलती रहीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अब इस मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी हड़ताली कर्मचारियों का साथ देने की घोषणा कर दी है। बेस्ट ने अब तक 300 कर्मचारियों को मेस्मा के तहत नोटिस दिए हैं।
प्रशासन की ओर से बेस्ट कर्मचारियों को ‘मेस्मा’ के तहत आधिकारिक घर खाली करने का नोटिस दिया गया है। बेस्ट प्रशासन का आदेश है कि या तो काम पर लौटो या घर खाली करो। भोईवाड़ा में बेस्ट की ओर से समाज कल्याण अधिकारी द्वारा नोटिस देने का लोगों ने विरोध किया। हड़ताल में एकजुट रहने की तरह यहां पर भी बेस्ट कर्मचारियों के परिवारों ने एकता दिखाकर प्रशासन के दांव को नाकाम किया।
मुंबई में बेस्ट से रोज सफर करने वालों की संख्या 25 से 30 लाख है। इसके बावजूद इन दो दिनों में हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखा। सड़कों पर निजी वाहनों, शेयर टैक्सियों और ऑटो ने यात्रियों की मुसीबतें काफी हद तक दूर कर दीं। कई जगह तो छोटी दूरी के लिए लोगों ने पैदल चलना बेहतर समझा। कोलाबा की प्रीति साहू ने बताया कि वह कॉलेज जाने के लिए सुबह बस लेती हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से सीएसएमटी तक शेयर टैक्सी से आती है और फिर चर्चगेट तक पैदल जाती हैं।
स्थाई समिति की बैठक में बेस्ट की हड़ताल को लेकर चर्चा का मौका न दिए जाने से नाराज विपक्ष ने वॉकआउट किया। बाहर आकर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने स्थायी समिति अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठकर धरना दिया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, जिसे नकारे जाने पर उसने विरोध जताया। बाद में उन्हें स्थाई समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव ने बुलाकर चर्चा की।
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