मुंबई। सोमवार को रक्षा बंधन के दिन बेस्ट के करीब 37,000 कर्मचारियों की हड़ताल से लाखों मुंबईकर बेहाल हैं। वेतन वृद्धि की मांग पर अड़े बेस्ट कर्मचारियों ने दबाव बनाने के लिए सोमवार से हड़ताल शुरू की है। शहर के नौ यूनियनों के कर्मचारियों के ड्यूटी पर नहीं आने की वजह से की वजह से बेस्ट के बेड़े की करीब 3,800 बसें अपने डिपों में रहीं। इससे करीब 30 लाख यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जो इन बसों को अपने रोजाना की यात्रा के लिए इस्तेमाल करते है।
यह हड़ताल ऑटोरिक्शा व टैक्सी के लिए फायदेमंद साबित हुई, जिनकी लोगों में आवागमन के लिए मांग बढ़ी। इससे ऑटोरिक्शा व टैक्सी चालकों ने यात्रियों से थोड़ी दूरी के लिए अधिक किराए लिए, जबकि बहुत से यात्रियों ने ओला व उबर जैसी दूसरी सेवाओं का इस्तेमाल किया।
बेस्ट इंप्लाईज यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने कहा कि कर्मचारियों ने अपना वेतन समय पर दिए जाने की मांग और एक लिखित भरोसा दिए जाने की मांग की, लेकिन वृहनमुंबई मुंशीपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) प्रशासन इसे देने में विफल रहा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस, बीएमसी आयुक्त अजय मेहता व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा मामले के हल के लिए काफी कोशिश की गई।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने अपनी एसटी बसों को कुछ मुख्य क्षेत्रों में यात्रियों के लिए तैनात किया है, जबकि राज्य सरकार ने निजी बसों को भी नियमित यात्रियों को ले जाने की इजाजत दी है।
बेस्ट के 36 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की मुख्य वजह यह है कि घाटे में चल रही बेस्ट के कर्मचारियों को पिछले कुछ महीनों से समय पर वेतन नहीं मिल रहा। मई महीने के बकाया वेतन में से आधा वेतन कर्मचारियों को 17 जून को दिया गया। इसके बाद कर्मचारियों ने अपने वकाया वेतन के लिए 22 जून को ही हड़ताल का ऐलान कर दिया था। पिछले सप्ताह कर्मचारियों ने वेतन के लिए भूख हड़ताल भी की थी, लेकिन गुरुवार को हुई कर्मचारियों की सभा के बाद भूख हड़ताल वापस लेकर हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया था।
बेस्ट यूनियन की 5 मुख्य मांगें
- 1- बेस्ट कर्मचारियों का वेतन हर महीने की 2 तारीख को मिले।
- 2- बेस्ट के बजट को बीएमसी के बजट में शामिल किया जाए।
- 3- महानगरपालिका द्वार दिया बेस्ट को दिया गया कर्ज अनुदान में बदला जाए।
- 4- बीएमसी द्वारा बेस्ट से वसूले जाने कर रद्द में छूट दी जाए।
- 5- बेस्ट की सभी जिम्मेदारी बीएमसी उठाए।
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