शक के घेरे में अवनी की मौत

मुंबई। बाघिन अवनी को मारे जाने पर वन्यजीव प्रेमियों के बीच उपजे आक्रोश के बीच वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जाना पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘स्पष्ट’ नजर आता है। साथ ही, इसमें यह भी पाया गया कि जब यह बाघिन निशानेबाज की दिशा से दूसरी ओर मूड़ गई थी, तभी उस पर गोली चलायी गई।

हाल ही में जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस गोली से बाघिन की मौत हुई वह उसके अगले बाए पैर में पीछे की ओर से लगी थी। इसमें कहा गया है कि उस समय बाघिन निशानेबाज से दूसरी ओर मूड़ गई थी। रिपोर्ट में मृत बाघिन के शरीर पर बेहोश करने वाले इंजेक्शन देने के निशान पर भी संदेह प्रकट किया गया। उसके अनुसार राइफल से नहीं दागी गई थी।

इसमें कहा गया है कि जहां यह निशान है, वहां बाघिन की मांसपेशियों से रक्तस्राव नजर नहीं आया। सीरींज प्रोजेक्टर (राइफल) से जो सीरींज दागी जाती है, वह हमेशा लाल चकता जैसा निशान छोड़ती है जो इस मामले में नजर नहीं आता। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह खुलासे बड़े गंभीर हैं और कुछ लोगों को भारी पड़ सकता है।

उन्होंने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा बाघ जैसे संरक्षित जंतुओं को पकड़ने या मारने से संबंधित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन स्पष्ट नजर आता है। जब उनसे निशानेबाज के इस दावे के बारे में पूछा गया कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलायी थी, तब उन्होंने कहा, यदि यह सच है तो गोली पीछे से कैसे लगी। इंजेक्शन एक दूसरा सबूत है जो बताता है कि बाघिन को काबू में लाने के लिए पहले विकल्प के तौर पर इसका उपयोग तक नहीं किया गया।

बाघिन को 2 नवंबर को एक निशानेबाज ने यवतमाल जिले में मार डाला। निशानेबाज को राज्य सरकार ने इस काम पर लगाया था। बाघिन ने पिछले 2 सालों में जिले में कथित रुप से 13 लोगों की जान ले ली थी। इस घटना के बाद राज्य सरकार आलोचनाओं से घिर गयी है। बाघिन के 10-10 महीने के 2 शावक हैं।

 


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