साभार/ मुंबई। पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी मांगों को मनवाने के लिए शिक्षकों ने आक्रामक रुख अपना लिया है। मुंबई समेत राज्य के 75 हजार शिक्षकों ने 12वीं की परीक्षा से दूर रहने की घोषणा की है। शिक्षकों के इस निर्णय के बाद एचएससी की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की चिंता बढ़ गई है। एचएससी की परीक्षा (HSC examination) दो दिन बाद, यानी 21 फरवरी से शुरू हो रही है, जिसमें पूरे राज्य से करीबन 15 लाख छात्र शामिल होने वाले हैं।
महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (Maharashtra State Junior College Teachers Federation) ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। इसके साथ ही महासंघ ने परीक्षा के दौरान असहयोग आंदोलन की धमकी दी है। 20 फरवरी तक सभी मांगे पूरी नहीं होने पर शिक्षकों ने परीक्षा के दौरान अनुपस्थित रहने का निर्णय लिया है। महासंघ के अध्यक्ष अनिल देशमुख ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर शिक्षक कई वर्षों से आंदोलन कर रहे है। 31 जनवरी को शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में 10 दिनों में सभी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अबतक उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की गई है। इस वजह से शिक्षकों को मजबूरन असहयोग आंदोलन का मार्ग अपनाना पड़ रहा है।
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