भीमा-कोरेगांव हिंसा से 20 करोड़ से अधिक नुकसान

मुंबई। भीमा-कोरेगांव में हिंसा के बाद महाराष्ट्र बंद के दौरान राज्यभर में कई स्थानों पर बुधवार को तोड़-फोड़ हुई जिससे सरकार को 20 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। सरकारी प्रॉपर्टी को भारी नुकसान पहुंचा है। रेलवे, बेस्ट और राज्य परिवहन ने गुरुवार को उपद्रवियों की तरफ से की गई तोड़-फोड़ के कारण हुए आर्थिक नुकसान का आकलन किया। मध्य रेलवे को सबसे ज्यादा 2.5 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि सबसे ज्यादा महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को लगभग 20 करोड़ रुपये की क्षति हुई।

मंगलवार और बुधवार को हुए प्रदर्शन और बंद के कारण बेस्ट परिवहन की 173 बसों को नुकसान पहुंचा है, जिसका आकलन करीब 3 करोड़ रुपये है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और राज्य परिवहन महामंडल के अध्यक्ष दिवाकर राउते ने बताया कि नुकसान की भरपाई अब सरकार को ही करनी पड़ेगी। कोरेगांव भीमा आंदोलन के कारण लगातार 2 दिन तक हुए प्रदर्शन के कारण राज्य परिवहन की 217 बसों में तोड़-फोड़ से एक करोड़ रुपये, जबकि 250 डिपो में से 213 डिपो बंद रहने से 19 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।

बुधवार को महाराष्ट्र बंद के कारण जहां राज्य परिवहन को भारी नुकसान हुआ है, वहीं मुंबई उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर प्रॉपर्टी को क्षति पहुंचाई गई। मध्य रेलवे के सूत्रों के अनुसार, कांजुरमार्ग और डोंबिवली स्टेशन पर हुई तोड़-फोड़ के कारण 15 लाख रुपये की क्षति हुई। 110 ट्रेनें रद्द होने के कारण कमाई पर भी असर हुआ। एक अधिकारी ने बताया कि 3 जनवरी 2017 को उपनगरीय रेलवे से 5.19 करोड़ की कमाई हुई थी, जबकि बुधवार को केवल 2.84 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इस लिहाज से मध्य रेलवे को लगभग 2.35 रुपये का नुकसान हुआ।

पश्चिम रेलवे के गोरेगांव स्टेशन पर रेलवे की प्रॉपर्टी को थोड़ा सा नुकसान हुआ है, जबकि दहिसर के आस-पास 2 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों पर पथराव किया गया। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रवींद्र भाकर ने बताया कि आरपीएफ की मुस्तैदी के कारण उपद्रवी रेलवे की प्रॉपर्टी को ज्यादा क्षति नहीं पहुंचा सके, लेकिन रेलवे की कमाई पर असर पड़ा है। पश्चिम रेल के उपनगरीय रूट पर महाराष्ट्र बंद के कारण करीब 70 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

 

सामाजिक अशांति फैलाने के लिए पर्दे के पीछे से काम कर रहे शरारती तत्वों और तनाव उत्पन्न करने के लिए अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के बारे में सरकार के पास जानकारी होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी ने अपने मुख पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि राज्य के गृह विभाग पर भाजपा का नियंत्रण और पुलिस विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण राज्य को बुरे परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। जब सरकारी तंत्र और पुलिस का उपयोग केवल चुनाव लड़ने के लिए रह जाए, तब हिंसक घटनाएं होतीं हैं। पार्टी ने कहा कि सरकार को उचित तरीके से काम करना चाहिए क्योंकि शिवसेना से लड़ने के लिए पूरा जीवन पड़ा है।

बुधवार को दलित संगठनों की तरफ से बुलाए गए महाराष्ट्र बंद के दौरान ठाणे पुलिस आयुक्तालय परिसर में तोड़-फोड़ और हंगामा करने के मामले में अब तक कुल 962 आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 51 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी के खिलाफ विभिन्न 23 मामले दर्ज किए गए हैं। भिवंडी में 61, कल्याण में 7, डोंबिवली में 94 और कासरवडवली पुलिस स्टेशन में 800 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। गुरुवार सुबह भी दलित पैंथर के कुछ कार्यकर्ताओं ने ठाणे स्टेशन पर रेल रोकने की कोशिश की। इस मामले में रेलवे पुलिस ऐक्ट के तहत 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।

 308 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *