कंपनी ने मानी धम्म जागृति अभियान की शर्तें
मुश्ताक खान/ मुंबई। करीब एक साल पहले आरसीएफ प्रबंधन द्वारा आरसीएफ कॉलोनी में स्थित सम्राट अशोक बुद्ध विहार को बंद करा दिया था। इसे खोलवाने के लिए धम्म जागृती अभियान नामक सामाजिक संस्था द्वारा भूख हड़ताल करने के बाद प्रबंधन ने उसे खोल दिया। भूख हड़ताल को खत्म कराने के लिए आरसीएफ प्रबंधन के कार्यकारी संचालक अरूण नवाडे व सहायक प्रबंधक शरद सोनावणे ने अभियान के अध्यक्ष प्रकाश भोसले से बात की और उनकी सारी शर्तों को मान लिया। इसके बाद भूख हड़ताल खत्म हुआ।
समाज एवं महिलाओं के हित में काम करने वाली धम्म जागृति अभियान नामक संस्था का गठन राकांपा के प्रदेश सचिव एवं पूर्व नगरसेवक प्रकाश भोसले ने किया था। इस संस्था के बैनर पर करीब एक साल से बंद पड़े सम्राट अशोक बुद्ध विहार को खोलवाने के लिए भूख हड़ताल किया गया। आरसीएफ प्रबंधन ने भूख हड़ताल पर बैठे भोसले की सारी शर्तों को मान लिया है।
बताया जाता है कि इन शर्तों में सम्राट अशोक बुद्ध विहार का नुतनीकरण, पांजरापोल स्थित शिवाजी महाराज चौक के पास डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम एक ध्वज परिसर, वाशीनाका के ओम् गणेशनगर से आशीष सिनेमा तक डीपी रोड बनवाया जाए और बेरोजगार युवकों के लिए मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। इन मांगों को आरसीएफ प्रबंधन ने मान लिया है।
गौरतलब है कि बुद्ध विहार का नुतनीकरण, वाचनालय के लिए कंपनी ने एक करोड़ और ध्वज परिसर के लिए दस लाख की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा अन्य कार्यों को भी करने का भरोसा दिया है। इसके बाद भूख हड़ताल समाप्त कर दिया गया। भूख हड़ताल में पूर्व नगरसेवक प्रकाश भोसले, प्रमुख रूप से पूर्व नगरसेविका फूलाबाई सोनावणे, मधुकर शिरसाठ, राजेश धायकर, शाम वीर, मधुकर शिंदे, सुभाष क्षेत्रे, सोपान खंडागले, प्रफुल्ल घाटविसावे, रवि भादवे, संजय कांबले, सुभाष सालवे, भिवसेन निकालजे, रोहिदास बडेकर, भीमराव बनसोडे, नंदा कापडणे आदि शामिल हैं।
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