खतरे में नवी मुंबई में 1101 स्कूल बसों का परमिट

नवी मुंबई। आरटीओ के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले 1,101 स्कूल बसों से करीब 36 लाख रुपये बतौर दंड वसूला जा चुका है। इसके बावजूद नवी मुंबई आरटीओ के नियमों की अवहेलना करने के मामले में करीब 1,101 स्कूली बसों के परमिट का नवीनीकरण खतरे में पड़ गया है।

जल्द ही इन वाहनों का नवीनीकरण नहीं हुआ तो गर्मी की छुट्टियों के बाद अगले महीने से शुरू होने जा रहे स्कूलों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। इन वाहनों में स्कूल बस, मिनी बस, ऑटो, वैन आदि का समावेश है। मौजूदा समय में नवी मुंबई में कुल वाहनों की संख्या 1,437 बताई गई है।

गौरतलब है कि वर्ष 2016 तक नवी मुंबई आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत स्कूली बच्चों को लाने व ले जाने वाले कुल वाहनों की संख्या 1,437 बताई गई है। इनमें से अभी तक 1,101 वाहनों द्वारा आरटीओ के नियमों का पालन नहीं किया जा सका है।

ऐसे में वाशी स्थित नवी मुंबई आरटीओ कार्यालय ने ऐसे सभी वाहनों को चेतावनी दिया है कि वे जल्द से जल्द इन शर्तों का पालन कर अपने वाहनों के परमिट का नवीनीकरण करा लें, अन्यथा उनके वाहनों का परमिट रद्द किया जा सकता है अथवा उनके ऊपर दंड लगाया जा सकता है। नवी मुंबई आरटीओ कार्यालय की इस सख्ती से अभी तक नियमों की पूर्तता न कर सके वाहन मालिकों में बेचैनी बढ़ गई है।

आरटीओ सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 में आरटीओ के नियमों का पालन न करने वाले ऐसे कुल 1,101 (स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले) स्कूली वाहनों को चेतावनी देते हुए उन्हें नोटिस जारी किया जा चुका है। इन वाहनों में से ३२32 वाहनों के पास तो योग्यता प्रमाणपत्र ही नहीं मिला था। इन 1,101 वाहनों में से कई वाहनों से 3,68,500 रुपये का दंड भी वसूला जा चुका है।

वैसे आरटीओ द्वारा ऐसे वाहनों से कुल करीब 36 लाख रुपये बतौर दंड वसूले जा चुके हैं। आरटीओ ने ऐसे सभी लापरवाह वाहन मालिकों को चेतावनी दिया है कि वे 15 जून से नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले अपने वाहनों में आवश्यक सुविधाओं व यंत्रों को लगवा लें व आरटीओ से आवश्यक परमिट ले लें, अन्यथा उन्हें नियमानुसार अत्यधिक आर्थिक दंड भरने अथवा उनके वाहन का परमिट रद्द करने जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

स्कूलों में स्कूली बच्चों को उनके घरों से स्कूल तक लाने व पुनः उन्हें उनके घर तक छोड़ने का व्यवसाय करने वाले सभी वाहनों के लिए राज्य सरकार ने कई नियमों का पालन करने की अनिवार्य शर्त लगा रखा है। इनमें से कुछ प्रमुख नियमों में सभी स्कूलों में परिवहन समिति की स्थापना करना, वाहन चलाने वाले चालक को निम्नतम 5 वर्ष वाहन चलाने का अनुभव होना, स्कूली वाहनों को चटख पीले रंग से रंगना, वाहन की रफ्तार पर नियंत्रण रखने के लिए रफ्तार नियंत्रक यंत्र (स्पीड गवर्नर) लगाना, बसों में महिला सहायक का होना, आपातकालीन निकासी द्वारा का होना, आपातकालीन सभी आवश्यक दवाओं से युक्त प्राथमिक उपचार की पेटी का होना, वाहन में आगे और पीछे दो अग्निशमन यंत्र का लगा होना, वाहनों की खिड़कियों का सुरक्षित होना जैसे कई अन्य नियमों का समावेश है।

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