मुंबई। अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के भूमिपूजन के लिए जाते समय स्पीड बोड दुर्घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गयी है। गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि मामला गंभीर है, तत्परता दिखाने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गयी। इस मामले की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत होगी। जो भी जांच में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इस दुर्घटना के लिए लापरवाही सामने आयी है।
कहा जा रहा है कि बोट की क्षमता से अधिक लोगों को बैठाया गया था। पहले बोट में 35 लोग बैठे थे, उसमें से करीब 10 लोगों को पुलिस ने जबरदस्ती बाहर किया। जिससे उनकी पुलिस से कहासुनी भी हुई। बोट में अधिकतर शिव स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे के लोग शामिल थे। बोट में अधिकतम 16 यात्रियों के जाने की परमिशन थी। स्पीड बोट में 24 लाइफ जैकेट और 8 लाइफ रिंग अनिवार्य है। बोट में सिर्फ 6 से 8 लाइफ जैकेट थी, जबकि लाइफ रिंग एक भी नहीं थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बोट में जो लाइफ जैकेट थी उसे भी यात्रियों को नहीं दिया गया था।
353 total views, 3 views today